पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उत्तराखंड भविष्य में देश के लिए मॉडल बनकर उभरेगा। यह बात उन्होंने शनिवार को पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन सभागार में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से आयोजित कार्यक्रम के समापन पर कही। बालकृष्ण ने कहा कि नाबार्ड ग्रामीण उद्यमों के विकास के लिए देश की सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। बैंक की विभिन्न योजनाओं का उद्देश्य खेती से लेकर पशुपालन तक के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। इन योजनाओं का उद्देश्य पूंजी निवेश बढ़ाना, एक स्थिर आय सुनिश्चित करना और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा नाबार्ड ने ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देने, सामाजिक परिवर्तन और ग्रामीण उद्यमों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पतंजलि की योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने और प्राकृतिक खेती को अपनाने के प्रयास इसकी कार्ययोजना में शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड से पलायन रोकने के लिए जड़ी-बूटियों की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। शहद और कृषि उत्पादों की सीधी खरीद पर ध्यान केंद्रित कर पतंजलि किसानों की आय दोगुनी करने का भी प्रयास कर रही है। डिजिटल युग होने के कारण हमने बी-बैंकिंग के माध्यम से ऋण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किसानों को डिजिटल रूप से भी जोड़ा है। पतंजलि के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिल रहा है। इस अवसर पर नाबार्ड के प्रतिनिधियों ने पतंजलि फूड्स, पतंजलि हर्बल गार्डन और शोध केंद्र का भी दौरा किया।