युवाओं की राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका है और खेलों के अभाव में युवाओं का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार सिंह ने रविवार को यहां विश्वविद्यालय के वार्षिक उत्सव ‘अभ्युदय’ के तहत खेल प्रतियोगिता के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। प्रतियोगिता 27 फरवरी तक चलेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए, कुलपति ने कहा कि खेल केवल एक प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि आत्म-अनुशासन, सहयोग और खेल कौशल का भी प्रतीक है। उन्होंने प्रतियोगियों से अनुशासन, समर्पण और सकारात्मकता की भावना के साथ भाग लेने का अनुरोध किया।
विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर अर्शदेव ने कहा कि खेल केवल भागीदारी तक ही सीमित नहीं है, लक्ष्य हासिल करने का इरादा भी महत्वपूर्ण है। प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने दौड़, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और बैडमिंटन सहित अन्य एथलेटिक स्पर्धाओं में भाग लिया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक इस नॉकआउट प्रतियोगिता के विजेता 28 फरवरी से 2 मार्च तक होने वाले अब्यूडे के फाइनल राउंड में भाग लेंगे।