उत्तराखंड में इस वर्षाकाल में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस बार ही अतिवृष्टि के चलते हुए भूस्खलन से जानमाल की बड़े पैमाने पर क्षति हुई। आपदा में इस बार 77 व्यक्तियों की जान चली गई जबकि 37 घायल हुए और 23 लापता हैं। राज्य सरकार अब 52 बड़े भूस्खलन क्षेत्रों का अध्ययन करा रही है। इनमें भूस्खलन की रोकथाम के लिए कार्य किए जाएंगे।
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में इस वर्षाकाल में भी जगह-जगह भूस्खलन ने नींद उड़ाए रखी। इनमें सक्रिय रहे 52 बड़े भूस्खलन क्षेत्रों का सरकार अध्ययन कराने जा रही है। इन स्थानों पर बीती 31 मई से 16 सितंबर के मध्य भूस्खलन हुआ।यूएलएमएमसी (उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर) के विशेषज्ञ आने वाले दिनों में इनका अध्ययन करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर इन क्षेत्रों में भूस्खलन की रोकथाम को उपचारात्मक कार्य प्रारंभ किए जाएंगे। उत्तराखंड में हर वर्षाकाल किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं टूटता। इस बार ही अतिवृष्टि के चलते हुए भूस्खलन से जानमाल की बड़े पैमाने पर क्षति हुई।