राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने कहा है कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित और विश्व गुरु बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वह गुरुवार को राजभवन में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के साथ चयनित शिक्षकों को शैलेश मटियानी राज्य शिक्षा पुरस्कार-2023 प्रदान किए। कुल 19 शिक्षकों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि सम्मानित शिक्षक दूसरों के लिए आदर्श और प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि देश और छात्रों के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है। राज्यपाल ने शिक्षकों को नई तकनीक के साथ खुद को लगातार अपडेट करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान देने की सलाह दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा देने के साथ ही छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण में भी मदद करनी चाहिए और छात्रों में नैतिक मूल्यों का संचार करना चाहिए। नैतिक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में नैतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना शिक्षकों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में शिक्षकों की भूमिका और बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को संस्कृति से जोड़ने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग शिक्षकों को नवाचारों से जोड़े। मुख्यमंत्री ने शैलेश मटियानी पुरस्कार की पुरस्कार राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार करने की घोषणा भी की। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने विभाग द्वारा किए गए नवाचारों का विस्तृत ब्यौरा दिया। कार्यक्रम में शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंसीधर तिवारी, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार आदि मौजूद रहे।