उत्तराखंड में इन दिनों जमकर बर्फबारी हो रही है। पहाड़ की चोटियां बर्फ से सफेद हो गई हैं। बद्रीनाथ धाम में छ फिट से अधिक बर्फ जमी है।स्थिति यह है कि अलकनंदा नदी भी कई जगहों पर बर्फ के नीचे से बह रही है। बदरीनाथ हाईवे भी हनुमानचंट्टी के पास से बर्फ के चलते बंद है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गोपेश्वर – बद्रीनाथ धाम में छ: फिट से अधिक बर्फ जमी है। हालिया बर्फबारी ने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्रीनाथ महायोजना के कार्य को शुरू करने की रणनीति पर भी फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। अब प्रशासन बर्फ पिघलने के साथ हाईवे के खुलने का इंतजार कर रहा है। प्रशासन ने दिसंबर माह में बद्रीनाथ धाम में भारी ठंड के चलते महायोजना के तीसरे चरण का कार्य रोका था। रणनीति थी कि फरवरी माह में कार्य शुरू कराया जाएगा। लेकिन फरवरी माह में भारी बर्फबारी के चलते धाम में छ: फिट से अधिक बर्फ जमी हुई है।
नदी जमी, बद्रीनाथ हाईवे भी बंद
स्थिति यह है कि अलकनंदा नदी भी कई जगहों पर बर्फ के नीचे से बह रही है। बदरीनाथ हाईवे भी हनुमानचंट्टी के पास से बर्फ के चलते बंद है। हालांकि बीआरओ बर्फ हटाकर हाईवे खोलने के कार्य में जुटा है।
बर्फबारी की वजह से रुका है सौंदर्यीकरण का काम
महायोजना के तहत बद्रीनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र में सौंदर्यीकरण का कार्य होना था। जिसे बीते साल कपाट बंद होने के बाद शुरू कर दिया गया था। शीतकाल में दिसंबर माह में बर्फबारी व ठंड बढ़ने के साथ महायोजना में लगे 500 से अधिक अधिकारी कर्मचारी मजदूरों को वापस बुला दिया गया था। जो जनवरी माह में वापस लौट गए थे।
बर्फ पिघलने का हो रहा है इंतजार
महायोजना के कार्य को लेकर प्रशासन ने पहले फरवरी और फिर मार्च प्रथम सप्ताह में शुरू करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन हालिया बर्फबारी से फिलहाल प्रशासन भी बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहा है। सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे से बर्फ हटाने का कार्य हनुमानचट्टी से आगे किया जा रहा है। जल्द ही हाईवे को सुचारू कर दिया जाएगा।