जंगलों में लगी आग खेतों तक पहुंच गई है। बीती रात महिला खेतों की तरफ आग आता देख वहां रखी घास को हटाने पहुंची। इस दाैरान वह आग की चपेट में आ गई। उत्तराखंड में जंगलों की आग ने अब विकराल रूप धारण कर दिया है। इसी आग की चपेट में आने से 65 वर्षीय महिला बुरी तरह से झुलस गई। आनन फानन में परिजनों ने महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया। हालत नाजुक होने से डाक्टरों ने उसे ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया। जहां देर रात महिला ने दम तोड़ दिया। वहीं, एम्स के पीआरओ डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि पौड़ी से रेफर महिला 90 से 95 फीसदी आग से झुलसी हुई थी। महिला वैंटिलेटर पर यहां पहुंची थी। एम्स ट्रामा में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही महिला की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि परखुंडे (घास के ढेर) को बचाने के चलते महिला आग की चपेट में आ गई।
पाैड़ी जिला मुख्यालय के जंगलों में बीते दिनों से धधक रही आग अब घरों तक पहुंचने लगी है। बीते शनिवार को पौड़ी तहसील क्षेत्र के बनगढ़स्यूं-2 के थापली गांव के जंगलों में लगी आग खेतों तक पहुंच गई।
राजस्व उप निरीक्षक (आरएसआई) राजेंद्र सिंह ने बताया कि बीते शनिवार को थापली गांव के जंगल में आग लगी थी। इसी बीच आग तेजी से खेतों की ओर होते हुए घर के समीप परखुंडे तक पहुंच गई। आग को परखुंडे की ओर आते देख सावित्री देवी (65) घास को उतारने लगी। तभी तेज हवा चली और घास ने आग पकड़ ली। पति कृपाल सिंह व अन्य परिजनों से आग को बुझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन महिला काफी झुलस चुकी थी। परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उसकी गंभीर हालत को देखकर चिकित्सकों ने ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया। बताया कि देर रात महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। आरएसआई राजेंद्र सिंह के मुताबिक, दैवीय आपदा के चलते मौत होने पर महिला के परिजनों को आपदा मद से आर्थिक सहायता दी जाएगी।