यूपीसीएल के अनुसार, आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए केवल 2.64 प्रतिशत की सामान्य टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। निगम ने जोर देकर कहा कि उपभोक्ताओं पर अनावश्यक भार डालना उनका उद्देश्य नहीं है और वे राज्य में भरोसेमंद व गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
निगम ने बताया कि 16 प्रतिशत का आंकड़ा ट्रु-अप आधारित तकनीकी गणना का हिस्सा है, जिसे नई दर वृद्धि के रूप में लागू नहीं किया जाएगा। यूपीसीएल ने स्पष्टीकरण दिया कि ट्रु-अप समायोजन के तहत उन्हें 13.59 प्रतिशत की वित्तीय आवश्यकता होती है, और यदि उनके वैधानिक वित्तीय दावे समय पर मिल जाते, तो यह अंतर उत्पन्न ही नहीं होता।
यूईआरसी के निर्देशानुसार, यूपीसीएल दस दिसंबर तक अपना टैरिफ प्रस्ताव दायर करेगा। इसके बाद आयोग उपभोक्ता हितों और नियामकीय प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए अंतिम टैरिफ आदेश जारी करेगा। निगम ने कहा कि अभी किसी भी वृद्धि को न तो अंतिम रूप दिया गया है और न ही लागू किया गया है।
यूपीसीएल ने राज्य के उद्योगों, व्यापारियों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को किफायती, पारदर्शी और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने को अपनी प्राथमिकता बताया। निगम के अनुसार, वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए कई योजनाएँ तेजी से लागू की जा रही हैं, जिनमें—
- उपकेंद्रों का निर्माण
- ट्रांसफॉर्मर क्षमता वृद्धि
- पुरानी लाइनों का उन्नयन
- भूमिगत केबलिंग
- नेटवर्क सुदृढ़ीकरण
इसके साथ ही स्मार्ट मीटरिंग, फॉल्ट मैनेजमेंट सिस्टम, डिजिटल बिलिंग और ऑनलाइन मॉनिटरिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का विस्तार किया जा रहा है, जिससे लाइन लॉस में उल्लेखनीय कमी आई है और सेवा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
