उत्तराखंड की भर्ती प्रणाली एक बार फिर गंभीर सवालों के घेरे में है। पेपर लीक से लेकर नकली डिग्री घोटालों तक, भ्रष्टाचार ने पूरी व्यवस्था को जकड़ लिया है। ताज़ा यूकेएसएसएससी ग्रेजुएट लेवल पेपर लीक मामले में CBI ने उन लोगों को निशाने पर ले लिया है जिन्होंने परीक्षा में हुई गड़बड़ी को सबसे पहले उजागर किया था। इससे युवाओं में गुस्सा भड़क उठा है और राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
28 नवंबर को सहायक प्रोफेसर सुमन चौहान को गिरफ्तार किया गया, जबकि छात्र नेता एवं स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बोबी पंवार को CBI ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। युवा इस कार्रवाई को “निरपराधों पर हमला” और “लीक माफिया को बचाने की कोशिश” बता रहे हैं।
ताज़ा मामला: 21 सितंबर 2025 — UKSSSC ग्रेजुएट लेवल परीक्षा लीक
- परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट बाद ही हरिद्वार सेंटर से प्रश्न-पत्र की तस्वीरें वायरल हो गईं।
- आरोपी खालिद मलिक ने सेंटर में मोबाइल छिपाकर पेपर की फोटो अपनी बहन साबिया को भेजी।
- साबिया ने फोटो सुमन चौहान को भेजीं। सुमन ने उत्तर तैयार कर वापस भेजे, लेकिन यह जानकारी आयोग तक पहुँचाने के बजाय उन्होंने यह सामग्री बोबी पंवार को दे दी।
- बोबी पंवार ने 12:28 बजे सोशल मीडिया पर लीक का खुलासा किया।
- इसके बाद परीक्षा रद्द हुई और मामला CBI को सौंपा गया।
- अब CBI ने खुलासा करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जबकि लीक स्रोतों पर कार्रवाई की गति धीमी है।
युवाओं का बड़ा सवाल—
“जिन्होंने चोरी पकड़ी, वही अपराधी कैसे बन गए? असली माफिया कहाँ हैं?”
पेपर लीक का काला इतिहास: उत्तराखंड की 65+ परीक्षाएँ भ्रष्टाचार की भेंट
पिछले पाँच वर्ष में राज्य देश के सबसे बड़े पेपर लीक हब के रूप में बदनाम हुआ है। कुछ प्रमुख मामले:
- UKSSSC ग्रेजुएट लेवल 2025
- UKSSSC ग्रुप-C 2021–22 – 916 पद, 59 गिरफ्तार, पेपर 10–15 लाख में बिका
- UKPSC पटवारी-लेखपाल 2023 – हरिद्वार से लीक, ₹22 लाख बरामद
- UKSSSC वन दरोगा 2021
- UKSSSC सचिवालय गार्ड 2021
- पंतनगर विश्वविद्यालय — कई परीक्षाएं लीक, रिटायर्ड अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी गिरफ्तार
लखनऊ स्थित RMS टेक्नो सॉल्यूशन की प्रिंटिंग प्रेस, आयोग के अंदरूनी लोग, कोचिंग माफिया और राजनीतिक संरक्षण का एक मजबूत नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय है।
भर्ती घोटालों का दूसरा चेहरा: नकली डिग्री से सरकारी नौकरियों में सेंध
पेपर लीक के साथ-साथ फर्जी डिग्री और अनुभव प्रमाणपत्रों का जाल भी उत्तराखंड की भर्ती प्रणाली को खोखला कर रहा है।
1. AIIMS ऋषिकेश
- 2022 में CBI की छापेमारी—नियमों के विपरीत भर्तियों के आरोप।
- 2023 में नर्सिंग भर्ती का ठेका गुजरात की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को।
- कई कर्मचारियों के फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र।
- 2024 में INI CET में दो AIIMS डॉक्टरों समेत 5 लोग चीटिंग रैकेट चलाते पकड़े गए।
2. FRI देहरादून
- ग्रुप C भर्ती में फर्जी दस्तावेजों की धांधली।
- ED ने हाल में फर्जी डिग्री रैकेट से जुड़ी संपत्ति जब्त की।
3. डाक विभाग (GDS भर्ती)
- चमोली और अल्मोड़ा में 6 उम्मीदवारों पर FIR—फर्जी दस्तावेज।
- 2024 की 1,238 पदों की भर्ती में कई चयनित उम्मीदवार हिंदी तक नहीं लिख-पढ़ पाए, जबकि भाषा पेपर में 100% अंक।
- 2018 से अब तक 36 से अधिक उम्मीदवारों पर कार्रवाई।
युवाओं पर गहरा असर: सिस्टम पर भरोसा खत्म
1. बेरोजगारी का बोझ
5–10 लाख खर्च कर तैयारी करने वाले युवा हर साल पेपर रद्द होने से टूट रहे हैं। 2021 के कांड में 260 अभ्यर्थी 10–15 लाख देकर पेपर खरीद चुके थे।
2. मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट
अवसाद, चिंता और आत्महत्या के प्रयास बढ़े।
3. पलायन तेज
पहाड़ों से युवा दिल्ली, मुंबई और विदेशों की ओर भाग रहे हैं।
4. सिस्टम पर विश्वास खत्म
“मेहनत से नौकरी नहीं मिलती, पेपर खरीदकर मिलती है”—युवाओं की जुबान पर यही कड़वा सच।
युवाओं की मांग: सिस्टम बदलो, नहीं तो आंदोलन होगा तेज
- बोबी पंवार और सुमन पर कार्रवाई वापस लो
- असली मास्टरमाइंडों को गिरफ्तार करो
- UKSSSC और UKPSC को भंग कर नई भर्ती एजेंसी बनाई जाए
- सभी लीक मामलों का 6 महीनों में फैसला
- फर्जी डिग्री वाले कर्मचारियों को हटाकर सभी की योग्यता आधारित री-टेस्टिंग
- प्रमोशन के लिए 3–5 साल में अनिवार्य परीक्षा व्यवस्था लागू
युवाओं का कहना है—
“जब सिस्टम में भर्तियाँ बिकती हों, तो यह आंदोलन नहीं, न्याय की लड़ाई है।”
आगे की राह
CBI का कहना है कि जांच जारी है और आगे गिरफ्तारियां संभव हैं।
लेकिन युवाओं का आरोप है कि—
“न्याय उल्टा चल रहा है—जो सच्चाई लेकर आए, उसी को सजा दी जा रही है।”
राज्यभर में 10 दिसंबर से बड़े आंदोलन की तैयारी ज़ोर पकड़ रही है।
