उत्तराखंड में वर्दीधारी पदों की भर्ती के लिए अब एकसमान चयन प्रक्रिया लागू की जाएगी। शासन ने उप निरीक्षक और सिपाही पदों के लिए अलग-अलग नियमावलियां जारी की हैं, जिनके तहत अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (एसएसएससी) एकल भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा। इस पहल से भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित करने का प्रयास किया गया है।
आयु सीमा और चयन प्रक्रिया
- उप निरीक्षक: भर्ती विज्ञापन के वर्ष की 1 जुलाई को न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष निर्धारित की गई है।
- सिपाही: न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष होगी।
चयन प्रक्रिया में शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद लिखित परीक्षा आयोजित होगी। उप निरीक्षक के लिए 200 अंकों की और सिपाही के लिए 100 अंकों की वस्तुनिष्ठ लिखित परीक्षा होगी, जिसमें नकारात्मक अंकन (नेगेटिव मार्किंग) लागू होगा। मेरिट के आधार पर उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपने इच्छित विभागों में सेवा दे सकेंगे, जहां विभागीय सेवा नियमावली लागू होगी।
भर्ती नियमावली का दायरा
गुरुवार को सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने गृह, वन, आबकारी, होमगार्ड, अग्निशमन, कारागार, सचिवालय सुरक्षा और पीआरडी विभागों के लिए नियमावली जारी की। इसमें शामिल पद हैं:
- उप निरीक्षक: नागरिक पुलिस, अभिसूचना, पीएसी, आइआरबी, अग्निशमन, उप कारापाल, होमगार्ड प्लाटून कमांडर, वन दारोगा, आबकारी उप निरीक्षक, और पीआरडी अधिकारी।
- सिपाही: विभिन्न विभागों में सिपाही स्तर के पद।
शारीरिक मानक
उप निरीक्षक
- पुरुष: सामान्य/एससी/ओबीसी के लिए 167.7 सेमी, एसटी के लिए 160 सेमी, पर्वतीय क्षेत्र के लिए 162.7 सेमी।
- महिला: सामान्य/एससी/ओबीसी के लिए 152 सेमी, एसटी/पर्वतीय क्षेत्र के लिए 147 सेमी।
सिपाही
- पुरुष: सामान्य/एससी/ओबीसी के लिए 165 सेमी, एसटी के लिए 157.5 सेमी, पर्वतीय क्षेत्र के लिए 160 सेमी।
- महिला: सामान्य/एससी/ओबीसी के लिए 152 सेमी, एसटी/पर्वतीय क्षेत्र के लिए 147 सेमी।
शारीरिक दक्षता परीक्षा
सभी पदों के लिए एकसमान शारीरिक दक्षता परीक्षा होगी, जिसमें क्रिकेट बॉल थ्रो, लंबी कूद, बीम, दौड़, चाल और शटल रेस शामिल हैं। मानक विभागीय भर्ती मापदंडों के अनुसार अलग-अलग होंगे।
विशेष प्राथमिकता
- प्रादेशिक सेना में न्यूनतम दो वर्ष की सेवा या एनसीसी ‘बी’ और ‘सी’ प्रमाणपत्र धारकों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
- लिखित परीक्षा में समान अंक होने पर वरिष्ठ आयु के अभ्यर्थी को प्राथमिकता मिलेगी।
भर्ती प्रक्रिया में सुधार
नई नियमावली से भर्ती प्रक्रिया को और अधिक निष्पक्ष और कुशल बनाने का लक्ष्य है। एकल परीक्षा प्रणाली से अभ्यर्थियों को कई विभागों के लिए एक ही बार आवेदन करने की सुविधा मिलेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। साथ ही, आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर परीक्षा प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
भविष्य की योजनाएं
शासन ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में अन्य विभागों के लिए भी इसी तरह की एकीकृत भर्ती प्रक्रियाएं लागू की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, अभ्यर्थियों के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन कार्यक्रम शुरू करने की योजना है, ताकि वे शारीरिक और लिखित परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी कर सकें।
यह नई व्यवस्था उत्तराखंड में वर्दीधारी सेवाओं में भर्ती को और अधिक समावेशी और व्यवस्थित बनाएगी, जिससे युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर प्राप्त करने में आसानी होगी।