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थाली में परोसा खाना अधूरा, कमरे में गई ज़िंदगी ठहर गई

नैनीताल के रामपुर रोड, गन्ना सेंटर क्षेत्र में रविवार को 64 वर्षीय काश्तकार कुंदन सिंह बोरा ने 12 बोर की सिंगल बैरल बंदूक से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पत्नी हीरा देवी के साथ मामूली कहासुनी को इस कदम की वजह बताया जा रहा है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में मातम और सवालों का माहौल पैदा कर दिया है।

खेत से लौटने के बाद उठाया आत्मघाती कदम

कुंदन सिंह बोरा रविवार सुबह अपने धान के खेत में पानी लगाने गए थे। दोपहर में घर लौटने पर उनकी पत्नी हीरा देवी ने খाना तैयार कर लिया था। कुंदन ने पत्नी से खाना परोसने को कहा और अपने कमरे में चले गए। कुछ ही देर बाद गोली चलने की तेज आवाज सुनाई दी। हीरा देवी ने कमरे में जाकर देखा तो कुंदन खून से लथपथ पड़े थे। उनके सिर का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त था।

परिवार और गांव में शोक की लहर

कुंदन सिंह के तीन बेटे हैं। छोटा बेटा लक्ष्मण उद्यान विभाग में वरिष्ठ पद पर कार्यरत है, बड़ा बेटा जगदीश खेती के साथ खनन का व्यवसाय करता है, जबकि मझला बेटा तारा वर्षों पहले हुए एक हादसे के बाद मानसिक रूप से अस्वस्थ है। घटना के समय जगदीश रानीखेत में एक दोस्त के घर गया था, जबकि लक्ष्मण और तारा घर पर अन्य कार्यों में व्यस्त थे। कुंदन के भांजे शंकर सिंह नेगी ने बताया कि 64 साल की उम्र में भी कुंदन पूरी तरह फिट थे और पांच एकड़ की खेती अकेले संभालते थे। उनके खुशमिजाज स्वभाव के कारण इस आत्मघाती कदम से हर कोई स्तब्ध है।

कमरे में बिखरे मांस और खून

पुलिस और फोरेंसिक जांच में सामने आया कि कुंदन ने तख्त पर बंदूक रखकर दाईं कनपटी पर गोली मारी। गोली ने उनके चेहरे को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया और सीधे कमरे की स्लैब में जाकर धंस गई। मस्तिष्क का बड़ा हिस्सा पांच फुट ऊंची छत पर अटक गया। दीवारों और छत पर मांस के टुकड़े और खून बिखरा हुआ था, जिसे पुलिस ने झाड़ू से एकत्र किया। कमरे से 12 बोर की सिंगल बैरल देसी बंदूक बरामद की गई, जो अवैध पाई गई। असलहे को सील कर फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) जांच के लिए भेजा गया है।

सवालों के घेरे में आत्महत्या की वजह

घटना के बाद हरिपुर लालमणि नवाड़ में मातम का माहौल है। स्थानीय लोग और रिश्तेदार परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे। इस दौरान कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोग कुंदन के नशे में होने की बात कह रहे हैं, जबकि अन्य का मानना है कि खाना परोसने को कहने के बाद इतना बड़ा कदम उठाना समझ से परे है। पुलिस ने बताया कि आत्महत्या का सटीक कारण जानने के लिए जांच जारी है। कुंदन के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।

गांव के बसने की कहानी

कुंदन सिंह के भांजे शंकर सिंह नेगी ने बताया कि उनके पिता मोहन सिंह बोरा 1962 में पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से हल्द्वानी आए और हरिपुर लालमणि नवाड़ में बस गए। उस समय इस गांव में केवल एक-दो परिवार थे। मोहन सिंह ने इस गांव को बसाने में अहम भूमिका निभाई, और बाद में गंगोलीहाट से कई अन्य परिवार भी यहां आकर बसे।

पुलिस की कार्रवाई

हल्द्वानी कोतवाली के प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि घटना की गहन जांच की जा रही है। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं, और अवैध असलहे की जांच के लिए एफएसएल से रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के पीछे कोई मानसिक तनाव का संकेत नहीं मिला है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

By devbhoomikelog.com

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