उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने साइबर धोखाधड़ी के जरिए देहरादून की एक महिला से 40 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में पंजाब की रमनप्रीत कौर को ऋषिकेश के श्यामपुर इलाके से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को एक सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताया और पीड़िता से संपर्क करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल किया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर के मुताबिक, महिला ने पीड़िता का विश्वास हासिल करने के लिए अमेरिकी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाई। उसने सोने के कारोबार से जुड़े होने का दावा किया और कच्चा माल खरीदने के बहाने पीड़िता को बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए राजी कर लिया। धोखे से अनजान पीड़िता ने इस साल मई से जून के बीच कई ट्रांजेक्शन के जरिए पैसे ट्रांसफर करना जारी रखा। भुल्लर ने कहा कि जांचकर्ताओं ने पाया कि कौर ने व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय नंबरों और अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया। उसने कई फर्जी अकाउंट ऑपरेट किए और धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया।
देहरादून के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने जांच की और आरोपी से जुड़े बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के जरिए वित्तीय लेन-देन का पता लगाया। बैंकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म से मिले डेटा से उसकी पहचान हुई और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ ने दो मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें सक्रिय व्हाट्सएप अकाउंट, दो सिम कार्ड, तीन डेबिट कार्ड और लेन-देन में इस्तेमाल की गई बैंक पासबुक शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी के बैंक खातों में महज एक से दो महीने के अंतराल में कई लाख रुपये का लेन-देन हुआ है। भुल्लर ने कहा कि कौर का नाम गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दर्ज चार साइबर अपराध शिकायतों में सामने आया है। एसटीएफ इन राज्यों के पुलिस विभागों के साथ समन्वय कर अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। एसएसपी ने लोगों से सतर्क रहने और जांच एजेंसियों से होने का दावा करने वाले संदिग्ध संदेशों या कॉल की सूचना देने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रवर्तन एजेंसियों का कोई भी अधिकारी गिरफ्तारी नोटिस जारी करने या पैसे वसूलने के लिए व्हाट्सएप पर किसी व्यक्ति से संपर्क नहीं करता। लोगों को सलाह दी गई है कि वे बिना सत्यापन के उच्च रिटर्न, फ्रेंचाइजी डील या अन्य ऑनलाइन योजनाओं का वादा करने वाले ऑफर से बचें। इस तरह की धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतें www.cybercrime.gov.in या 1930 साइबर अपराध हेल्पलाइन पर दर्ज की जा सकती हैं।