उत्तराखंड में अनिवार्य तबादलों की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। शिक्षा विभाग ने सुगम से दुर्गम और दुर्गम से सुगम तबादले हुए प्रवक्ताओं को एक तरफा कार्यमुक्त करने के सख्त आदेश जारी किए हैं। अब तक कई प्रवक्ता तबादले पर नहीं गए थे और स्थानांतरण रोकने के लिए प्रत्यावेदन और सिफारिशें लगा रहे थे। अधिनियम के उल्लंघन की दशा में दंडित किए जाने का प्रावधान है।
सुगम विद्यालय, डाइटों में जमे शिक्षकों को चढ़ना होगा पहाड़.अब नहीं लिया जाएगा प्रत्यावेदन व सिफारिश,रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखने के निर्देश.शिक्षा विभाग ने अनिवार्य तबादले के तहत सुगम से दुर्गम और दुर्गम से सुगम तबादले हुए प्रवक्ताओं को एक तरफा कार्यमुक्त करने के कड़े आदेश जारी किए हैं। प्रभारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल ने शनिवार को प्रदेशभर के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया।
अनिवार्य स्थानांतरण के आदेश पारित
निर्देशित किया कि अनिवार्य स्थानांतरण अधिनियम 2017 के तहत प्रवक्ता संवर्ग के अंतर्गत सामान्य शाखा व महिला शाखा से सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र और दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में अनिवार्य स्थानांतरण के आदेश पारित किए गए थे।कई प्रवक्ता तबादले पर नहीं गए और स्थानांतरण रोकने के लिए प्रत्यावेदन और अनेक जगहों से सिफारिश लगा रहे हैं, जो अधिनियम के उल्लंघन की दशा में दंडित किए जाने का स्पष्ट उल्लेख है।
निर्देशित किया जाता है कि अनिवार्य स्थानांतरण के अंतर्गत स्थानांतरित प्रवक्ता को बिना प्रतिस्थानी के तत्काल एकतरफा कार्यभार मुक्त किया जाए और प्रवक्ता के कार्यमुक्त होने के बाद रिक्त पदों अतिथि शिक्षकों को समायोजित किया जाए, इसकी पूरी जानकारी शिक्षा निदेशालय को दी जाए। कई प्रवक्ता वर्षों से सुगम विद्यालयों, एससीईआटी, डायट में जमे हुए हैं।
तबादले वाले शिक्षक को होना पड़ेगा तत्काल कार्यमुक्त
अनिवार्य स्थानांतरण के बाद भी वह आज तक इसलिए कार्यमुक्त नहीं किए जा रहे क्योंकि उनकी स्थान पर चार्ज लेने वाले प्रवक्ता नहीं आ रहे हैं। लेकिन इस आदेश के बाद अब तबादले वाले शिक्षक को तत्काल कार्यमुक्त होना पड़ेगा।