राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), उत्तराखंड पुलिस के जवानों ने मंगलवार को चल रहे कांवड़ मेले के दौरान कांगड़ा घाट पर डूबने से 56 कांवडि़यों की जान बचाकर एक बार फिर अपनी वीरता साबित की। बचाए गए इन 56 कांवडि़यों में से 40 कांवडि़ए हरियाणा के, छह राजस्थान के, चार पंजाब के, तीन दिल्ली के, दो उत्तर प्रदेश के और एक उत्तराखंड का था। 22 जुलाई को कांवड यात्रा शुरू होने के बाद से एसडीआरएफ की बचाव टीमों ने हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा में डूब रहे 128 से अधिक कांवडियों को बचाया है। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि पूरे कांवड मेले में एसडीआरएफ की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण रही है।
पिछले सप्ताह से अब तक कुल 128 कांवरियों को बचाया गया है। उनके समर्पण और कर्तव्यनिष्ठ दृष्टिकोण को बचाए गए तीर्थयात्रियों, स्थानीय निवासियों और उनके परिवारों से भी सराहना मिली है। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की आमद से अक्सर खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है, खासकर नदी तटों के पास। एसडीआरएफ टीम के समय पर किए गए प्रयासों ने कई लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की है, जो ऐसे बड़े पैमाने के आयोजनों के दौरान जीवन की सुरक्षा में सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है। उनकी निरंतर सतर्कता और त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, जो आपातकालीन प्रतिक्रिया और बचाव कार्यों के लिए एक मानक स्थापित करती है। मिश्रा ने कहा, उनकी कड़ी मेहनत और बहादुरी के लिए उन्हें जल्द ही सम्मानित किया जाएगा।