2023 से 2025 तक उत्तराखंड में सड़क हादसे 3% बढ़े, हल्द्वानी में डंपर-कैंटर से 78 दुर्घटनाओं में 54 मरे
उत्तराखंड के हल्द्वानी में सड़क हादसों का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा। 2023 में राज्य में 1,691 हादसे हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 1,747 हो गए। 2025 के पहले चार महीनों में ही उधम सिंह नगर जिले (हल्द्वानी सहित) में डंपर-कैंटर से 78 हादसे दर्ज हुए, जिनमें 54 लोगों की मौत हो गई। रैश ड्राइविंग से 2024 में 983 मौतें हुईं—2023 की 946 से 37 अधिक।
“हमारी सड़कें अब कब्रिस्तान बन चुकी हैं।” — एक पीड़ित परिवार
2025: हल्द्वानी में हादसों का खूनी कैलेंडर
| तारीख/महीना | स्थान | विवरण | मृतक/घायल |
|---|---|---|---|
| 4 नवंबर 2025 | गौलापार | दो बाइकों की टक्कर | 1 मृत, 1 गंभीर |
| 1 नवंबर 2025 | नैनीताल-हल्द्वानी मार्ग | वाहन खाई में गिरा | 2 मृत, 15 घायल |
| जून 2025 | नहर किनारे | कार नहर में गिरी | 4 मृत (नवजात सहित) |
| अक्टूबर 2025 | टीपी नगर चौराहा | थार ने बुजुर्ग को रौंदा | 1 मृत (चालक फरार) |
| 27 अक्टूबर | रामपुर रोड | दो बाइकों की टक्कर | 2 मृत |
| सितंबर अंत | बरेली रोड | बाइक ने श्रमिक को कुचला | 1 मृत |
80% हादसे हाईवे पर, 90% रात में। — ट्रैफिक पुलिस, नैनीताल
मुख्य कारण: स्पीड, लापरवाही और ‘ब्लाइंड स्पॉट्स’
- तेज रफ्तार: अधिकांश हादसे 80-100 किमी/घंटा पर।
- स्पीड ब्रेकर गायब: गौलापार, नैनीताल रोड, टीपी नगर जैसे ब्लैक स्पॉट्स पर कोई रंबल स्ट्रिप्स नहीं।
- ओवरलोडिंग: डंपर-कैंटर बिना वजन चेक के।
- सीसीटीवी फुटेज बेकार: थार हादसे का वीडियो वायरल, चालक अब तक फरार।
उत्तराखंड की घातकता दर: 62.33% (राष्ट्रीय औसत से दोगुनी)
प्रशासन की ‘सुस्ती’ पर सवाल
- कोई नाइट पैट्रोलिंग नहीं।
- स्पीड कैमरे सिर्फ कागजों में।
- जागरूकता कैंप: पिछले 2 साल में शून्य।
- एसएसपी नैनीताल: “चिंता है, लेकिन बजट नहीं।”
रोकथाम के 5 सिद्ध उपाय (भारत के सफल मॉडल)
| उपाय | कहां सफल हुआ? | प्रभाव |
|---|---|---|
| 1. सख्त चालान + लाइसेंस सस्पेंशन | महाराष्ट्र | -30% हादसे |
| 2. रंबल स्ट्रिप्स + LED लाइटिंग | केरल | -15% दुर्घटनाएं |
| 3. स्पीड गन + बॉडी कैमरा | तमिलनाडु | -25% ओवरस्पीडिंग |
| 4. स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लास | गुजरात | -40% किशोर हादसे |
| 5. 108 एम्बुलेंस + SDRF हॉटस्पॉट ड्यूटी | दिल्ली | त्वरित बचाव |
आवाज़ उठाएं: #SaveHaldwaniRoads
- जनता की मांग: हर ब्लैक स्पॉट पर स्पीड ब्रेकर + CCTV अनिवार्य हो।
- सरकार से अपील: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति 2019 को उत्तराखंड में 2026 तक 100% लागू करें।
- आप क्या कर सकते हैं? ➤ हेलमेट पहनें। ➤ रात 10 बजे के बाद 60 किमी/घंटा से अधिक न चलाएं। ➤ हादसा देखें तो 112 डायल करें।
सुरक्षित ड्राइविंग ही असली हेलमेट है। जागें, बचाएं, चलाएं—देवभूमि को मौत का मैदान न बनने दें।
