उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर वन विभाग द्वारा आयोजित कुमाऊं स्तरीय जन वन महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। कार्यक्रम नगर वन में हुआ, जिसमें वन मंत्री सुबोध उनियाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पर्यावरण और विकास में संतुलन पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा,

“भौतिक विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। हमारी सरकार लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए काम कर रही है।”
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में बाघ, स्नो लेपर्ड, तेंदुआ और हाथी जैसे वन्यजीवों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
“पर्यावरण संरक्षण हमारे संस्कारों में है। आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे निभाएंगी।”
62 नए पर्यटन स्थल और लकड़ी आधारित उद्योग नीति
सीएम धामी ने घोषणा की:
- 62 नए पर्यटन डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं।
- लकड़ी आधारित उद्योग नीति जल्द लाई जाएगी, जो स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगी।
महिला समूहों और वन विभाग की सक्रिय भागीदारी
महोत्सव में 15 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जिनमें शामिल थे:
- महिला समूहों द्वारा तैयार खाद्य उत्पाद और हस्तनिर्मित सामान
- वन्यजीव रेस्क्यू उपकरण, उपचार मशीनें, बीज वितरण
- वन्यजीव मौजूदगी प्रदर्शनी और विभागीय योजनाओं की जानकारी
बच्चों की रचनात्मकता: पेंटिंग प्रतियोगिता
स्कूली बच्चों ने वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया। बच्चों द्वारा बनाए गए चित्रों ने सभी का ध्यान खींचा।
मुख्य अतिथि और अधिकारी
- वन मंत्री: सुबोध उनियाल
- विधायक: दीवान सिंह बिष्ट
- प्रमुख वन संरक्षक: समीर सिन्हा
- कार्बेट निदेशक: साकेत बडोला
- मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक: आरके मिश्र
- मुख्य वन संरक्षक: तेजश्वनी पाटिल
आगे की योजना
सीएम धामी राजकीय महाविद्यालय में स्काउट गाइड रोवर-रेंजर कार्यक्रम में भी शामिल हुए, जिसके बाद वे देहरादून के लिए रवाना हो गए।
जन वन महोत्सव न केवल पर्यावरण जागरूकता का माध्यम है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, महिला सशक्तिकरण और युवा भागीदारी को बढ़ावा देने का एक सशक्त मंच भी। 🌿🦁
