पूर्णागिरि धाम में आज से नवरात्र मेला शुरू हो गया है। मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है और श्रद्धालु अब रात में भी मां पूर्णागिरि के दर्शन कर सकेंगे। पहली नवरात्र पर धाम के प्राचीन धूनी स्थल में श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ होगा, जिसे 11 दिन तक पंडित गिरीशानंद शास्त्री द्वारा कराया जाएगा।
बारिश से हुए नुकसान की मरम्मत पूरी
सितंबर की भारी बारिश से धाम की सड़क, रास्ते, पेयजल और बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई थी। अब सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर दिया गया है।
- लोक निर्माण विभाग ने टनकपुर से भैरव मंदिर तक की सड़क यातायात योग्य बना दी है।
- मुख्य मंदिर तक के अधिकांश पैदल मार्ग की मरम्मत की जा चुकी है।
- बिजली और पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है, तीन दर्जन हैंडपंप चालू कर दिए गए हैं।
- मेला क्षेत्र में अतिरिक्त टैंकर की व्यवस्था भी की गई है।
सुरक्षा और प्रबंधन
मेले के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ठुलीगाड़, भैरव मंदिर और काली मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात रहेगा। प्रशासन और मंदिर समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
नवरात्र से एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का धाम की ओर रुख शुरू हो गया है। रविवार को घसियार मंडी से मां के डोले के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल रवाना हुए। श्रद्धालु परिवार सहित रातभर पैदल यात्रा कर सोमवार सुबह मां के दर्शन करेंगे।
मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बताया कि 21 जून से रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक दर्शन पर लगी रोक नवरात्र में हटा दी गई है। अब श्रद्धालु रात में भी दर्शन कर सकेंगे।