देहरादून में जबरन धर्मांतरण के एक प्रयास की जांच के दौरान पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मामला न केवल उत्तर प्रदेश के कुख्यात धर्मांतरण गिरोह से जुड़ा मिला, बल्कि इसमें पाकिस्तान और दुबई से अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी सामने आए हैं।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि 18 जुलाई को रानीपोखरी निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी 21 वर्षीय बेटी के व्यवहार में अचानक आए बदलाव को लेकर पूछताछ की, तो खुलासा हुआ कि कुछ मुस्लिम पुरुष और एक मुस्लिम महिला उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रभावित कर रहे थे।
शिकायत में जिन लोगों के नाम सामने आए उनमें सहसपुर निवासी अब्दुर रहमान, मुजफ्फरनगर का अबू तालिब, दिल्ली निवासी अयान और अमन, और एक मुस्लिम महिला श्वेता शामिल हैं। इन लोगों पर युवती को पैसों और अन्य लालच के माध्यम से मानसिक रूप से प्रभावित करने का आरोप है।
तीन चरणों में चल रही थी साजिश
एसएसपी ने बताया कि उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट 2018 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। पीड़िता की काउंसलिंग में खुलासा हुआ कि यह गिरोह न केवल उत्तर प्रदेश (आगरा) बल्कि अन्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है।
जांच में सामने आया कि जब पीड़िता (जिसे ‘मरियम’ नाम दिया गया) नाबालिग थी, तब उसकी फेसबुक पर अबू तालिब से दोस्ती हुई थी। तालिब ने उसे इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया, व्हाट्सएप पर कलमा भेजा और पढ़वाया। इसके बाद उसे ‘मरियम’ नाम से पुकारा जाने लगा।
बाद में उसे झारखंड के धनबाद निवासी अयान से सोशल मीडिया के जरिए जोड़ा गया, जिससे उसकी शादी की साजिश भी रची गई थी। उसे गोवा की आयशा उर्फ कृष्णा, सहसपुर निवासी अब्दुर रहमान उर्फ रुपेन्द्र प्रताप सिंह, और दिल्ली के महेन्द्र पाल सिंह उर्फ अब्दुल रहमान से भी जोड़ा गया, जिन्होंने आर्थिक मदद के माध्यम से धर्मांतरण का प्रयास किया।
रानीपोखरी से दिल्ली भेजने की थी योजना
गिरोह का मकसद था कि पीड़िता को दिल्ली ले जाकर धर्मांतरण करवा कर अयान से शादी करवाई जाए। हालांकि, आखिरी समय में पीड़िता डर गई और बाहर जाने से इनकार कर दिया।
दूसरा मामला: प्रेमनगर की सुमैया भी शिकार
इसी तरह, प्रेमनगर निवासी सुमैया (28) के मामले में भी पुलिस ने जांच की। सुमैया बरेली से पढ़ाई के लिए देहरादून आई थी। पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया कि कुछ लोगों ने उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मानसिक रूप से प्रभावित किया। आयशा और अन्य लोग इस मामले में शामिल थे।
जांच में पता चला कि सुमैया की एक मुस्लिम महिला से दोस्ती हुई, जिसने धीरे-धीरे उसे इस्लाम से जुड़ी पुस्तकें व विचार साझा किए। फिर सुमैया की कश्मीर के पुलवामा की एक युवती से जुड़ाव हुआ, जिसने उसे Zoom ऐप के जरिए कुरान पढ़ाई।
पाकिस्तान और दुबई से डिजिटल संपर्क
सोशल मीडिया के ज़रिए सुमैया की दोस्ती पाकिस्तान, मिस्र, ब्रिटेन और अन्य देशों के लोगों से हुई, जो उसे इस्लाम प्रचार में शामिल होने के लिए प्रेरित करते रहे। 2022 में, एक पाकिस्तानी मौलवी तनवीर अहमद ने मुफ्त में कुरान पढ़ाने की पेशकश की। इसके अलावा, दुबई में कार्यरत पाकिस्तानी तहसीन से उसका संपर्क हुआ, जिसने उसे मौलवी तक आर्थिक मदद पहुंचाने की साजिश में शामिल किया।
पुलिस जांच में सामने आया कि सुमैया ने मौलवी को पैसा भेजने के लिए तहसीन के भारतीय मित्र सुलेमान के खाते में राशि ट्रांसफर की, जिसे बाद में तहसीन ने दुबई से पाकिस्तान भेजा।
साझा नेटवर्क, यूपी पुलिस भी कार्रवाई में
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दोनों मामलों में एक ही गिरोह की संलिप्तता सामने आई है। इस सिलसिले में आगरा पुलिस द्वारा भी गिरफ्तारी की जा चुकी है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।