हल्द्वानी की स्पेरो कॉलोनी में एक बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा ने ऑनलाइन लूडो गेम में लाखों रुपये हारने के बाद आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान 21 वर्षीय हर्षिता जोशी के रूप में हुई है, जो एमबीपीजी कॉलेज की छात्रा थी। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने ऑनलाइन गेमिंग की लत और उसके कारण हुए नुकसान को आत्महत्या की वजह बताया है।
पुलिस के अनुसार, हर्षिता के पिता प्रेमानंद जोशी उत्तराखंड कारागार विभाग में तैनात हैं और वर्तमान में अल्मोड़ा जेल में कार्यरत हैं। घटना शुक्रवार दोपहर की है जब हर्षिता की मां और भाई बाजार गए हुए थे। जब वे लौटे, तो हर्षिता को कमरे के अंदर फंदे पर लटका हुआ पाया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतार कर सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जांच के दौरान पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें हर्षिता ने ऑनलाइन लूडो गेम में चार से पांच लाख रुपये हारने की बात लिखी है। नोट में उसने स्वीकार किया कि शुरुआत में उसे गेम से मुनाफा हुआ, लेकिन बाद में उसने अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई गंवा दी। उसने अपने पिता के नाम लिखे गए पत्र में माफी मांगते हुए लिखा:
“मैंने आपके लाखों रुपये गेम में डुबा दिए, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मुझे माफ कर देना।”
पुलिस का कहना है कि यह मामला ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते दुष्प्रभावों का चिंताजनक उदाहरण है। घटना के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है और परिजन गहरे सदमे में हैं।
साइबर विशेषज्ञों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत युवाओं के लिए मानसिक और आर्थिक रूप से बेहद घातक साबित हो सकती है।
पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।