पिथौरागढ़ में नाचनी-बांसबगड़ मार्ग पर अचानक पहाड़ दरकने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। इस घटना के कारण सौ से अधिक वाहन फंस गए हैं, और चीन सीमा से संपर्क लगातार आठवें दिन भी कटा रहा। इससे उच्च हिमालयी घाटियों में रहने वाले लगभग 10 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। लोग नदी किनारे से पैदल चलने को मजबूर हैं, जबकि मलबा और पत्थरों के गिरने से खतरा बना हुआ है।
गुरुवार को मौसम सामान्य रहने के बावजूद सीमांत क्षेत्रों में सड़कों पर यातायात सामान्य नहीं हो सका। नाचनी-बांसबगड़ मार्ग पर किमी नौ पर धूप खिलने के दौरान भूस्खलन हुआ, जिससे मलबा और पत्थर लगातार गिर रहे हैं। इस मार्ग से जुड़ी आधा दर्जन सड़कों पर यातायात रुका हुआ है। सुबह 36 सड़कें बंद थीं, जिनमें से दिन में 16 सड़कें खुल गईं, लेकिन 20 सड़कें अभी भी बंद हैं। इनमें तवाघाट-लिपुलेख, तवाघाट-सोबला-दारमा, और मुनस्यारी-मिलम जैसे प्रमुख सीमा मार्ग शामिल हैं, जो आठ दिनों से बंद हैं।
उच्च हिमालयी गांवों के ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नाचनी-बांसबगड़ मार्ग के बंद होने से लोग किमी नौ पर सड़क से नदी किनारे उतरकर पैदल आवाजाही कर रहे हैं, जो जोखिम भरा है। हालांकि, घाट से पिथौरागढ़ तक हाईवे पर यातायात सामान्य रहा।