देवभूमि के लोग @- devbhoomikelog.com | देहरादून | 25 नवंबर 2025
उत्तराखंड में आज विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं। राजनीति से लेकर पर्यावरण, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, संस्कृति और सुरक्षा तक के सेक्टरों को कवर करते हुए हम आपके लिए टॉप 10 ताजा खबरें ला रहे हैं। ये खबरें राज्य की प्रगति, चुनौतियों और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं। विस्तार से पढ़ें:
1. पर्यटन एवं धार्मिक क्षेत्र: बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, चार धाम यात्रा का समापन
चमोली जिले के पवित्र बद्रीनाथ धाम के कपाट आज अपराह्न 2:56 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में यह समारोह संपन्न हुआ, जहां बदरीविशाल के जयकारों की गूंज से वातावरण गुंजायमान हो गया। मंदिर को 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। अगले छह माह तक पूजा-अर्चना नरसिंह मंदिर में होगी। इस वर्ष चार धाम यात्रा में 51 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिनमें 16 लाख 60 हजार ने बद्रीनाथ के दर्शन किए। यह यात्रा उत्तराखंड के पर्यटन को मजबूत करने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसकी सफलता पर बधाई दी और अगले वर्ष और बेहतर व्यवस्था का आश्वासन दिया।
2. पर्यटन एवं आर्थिक विकास: दो ‘आध्यात्मिक आर्थिक क्षेत्र’ की घोषणा, 95 ब्लॉकों में ‘आध्यात्मिक गांव’ विकसित होंगे
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का लाभ उठाते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो ‘आध्यात्मिक आर्थिक क्षेत्र’ (स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन) बनाने की घोषणा की है। इसके साथ ही, राज्य के 95 ब्लॉकों में से प्रत्येक में एक-एक ‘आध्यात्मिक गांव’ विकसित करने की योजना शुरू हो गई है, जो पर्यटन से जुड़े रोजगार के अवसर पैदा करेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कदम 2025-26 वित्तीय वर्ष में लागू होगा, जिससे स्थानीय हस्तशिल्प, योग और धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में ये जोन स्थापित होंगे, जहां निवेशकों को टैक्स छूट और बुनियादी ढांचे की सुविधाएं दी जाएंगी। यह पहल राज्य की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10% से बढ़ाकर 20% करने का लक्ष्य रखती है।
3. पर्यावरण एवं ऊर्जा क्षेत्र: ओएनजीसी ने खोजे 62 जियोथर्मल स्रोत, जीएसआई के साथ संयुक्त सर्वे शुरू
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) ने उत्तराखंड में 62 जियोथर्मल ऊर्जा स्रोतों की खोज की है, जो राज्य को नवीकरणीय ऊर्जा का नया केंद्र बना सकता है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ऑफ इंडिया (जीएसआई) के साथ मिलकर अब विस्तृत सर्वे शुरू हो गया है। ये स्रोत गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां गर्म पानी के प्राकृतिक झरनों का उपयोग बिजली उत्पादन और हीटिंग के लिए किया जा सकता है। यह खोज जलवायु परिवर्तन से निपटने और राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी। पर्यावरण मंत्री ने इसे ‘हरित क्रांति’ का हिस्सा बताया, जो स्थानीय रोजगार भी पैदा करेगा।
4. शिक्षा एवं विकास क्षेत्र: शिक्षा विभाग में वेतन वृद्धि की मांग, शिक्षक-कर्मचारियों का आंदोलन तेज
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के शिक्षकों और कर्मचारियों ने वेतन और वेतनवृद्धि में देरी के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। देहरादून में आयोजित धरना प्रदर्शन में सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए, जो विभागीय कारनामों पर सवाल उठा रहे हैं। राज्य सरकार ने वादा किया था कि 2025-26 वित्तीय वर्ष में सभी लंबित मामलों का निपटारा होगा, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली। यह मुद्दा राज्य के 95 ब्लॉकों में फैल चुका है, जहां ‘आध्यात्मिक गांव’ विकास योजना के तहत शिक्षा को बढ़ावा देने की बात हो रही है। शिक्षा मंत्री ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन संघों ने चेतावनी दी कि हड़ताल का रुख अपनाना पड़ेगा।
5. कृषि एवं नवाचार क्षेत्र: नैनीताल के किसान को जलवायु प्रतिरोधी गेहूं ‘नरेंद्र-09’ के लिए राष्ट्रीय सम्मान
नैनीताल जिले के किसान को जलवायु प्रतिरोधी गेहूं की नई किस्म ‘नरेंद्र-09’ विकसित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। यह किस्म पौधों की विविधता संरक्षण अधिनियम (पीपीवीएफआरए) के तहत पंजीकृत पहली किस्म है, जो सूखा, बाढ़ और कीटों का सामना कर सकती है। केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने इसे ‘किसान नवाचार पुरस्कार’ से नवाजा। यह उपलब्धि उत्तराखंड के पहाड़ी कृषि को मजबूत करने वाली है, जहां जलवायु परिवर्तन फसल उत्पादन को प्रभावित कर रहा है। किसान ने कहा, “यह सम्मान पूरे हिमालयी क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा है।” सरकार ने अब इसे अन्य जिलों में विस्तारित करने की योजना बनाई है।
6. स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र: कुक्कुट विकास नीति 2025 मंजूर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति
उत्तराखंड सरकार ने ‘कुक्कुट विकास नीति 2025’ को मंजूरी दे दी है, जो राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देकर स्वास्थ्य और आर्थिक विकास को मजबूत करेगी। इस नीति के तहत नई एसओपी जारी की गई हैं, जिसमें सब्सिडी, प्रशिक्षण और बाजार लिंकेज शामिल हैं। पहाड़ी जिलों में जहां पोषण की कमी एक बड़ी समस्या है, वहां मुर्गी पालन से प्रोटीन युक्त आहार उपलब्ध होगा और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि यह नीति 2025-26 में 10 हजार नए फार्म स्थापित करने का लक्ष्य रखती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे राज्य की ग्रामीण जीडीपी में 5% वृद्धि संभव है, साथ ही जैविक फीड और वैक्सीनेशन पर जोर दिया गया है।
7. आपदा प्रबंधन एवं ऊर्जा क्षेत्र: धौलीगंगा पावर प्रोजेक्ट में भूस्खलन, 11 कर्मचारी फंसे
पिथौरागढ़ जिले के धौलीगंगा पावर प्रोजेक्ट साइट पर भारी भूस्खलन से 19 एनएचपीसी कर्मचारी फंस गए, जिनमें से 8 को बचा लिया गया है, लेकिन 11 अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। जेसीबी मशीनों और एसडीआरएफ की मदद से बचाव कार्य जारी है। यह घटना भारी बारिश और बादल फटने के कारण हुई, जो राज्य के हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स के लिए खतरे की घंटी बजा रही है। एनएचपीसी ने सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त करने का ऐलान किया है। सीएम धामी ने प्रभावित परिवारों को 5 लाख मुआवजे का आश्वासन दिया। यह घटना जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते आपदा जोखिमों को उजागर करती है, जहां ऊर्जा उत्पादन के साथ सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
8. पर्यावरण एवं खनन क्षेत्र: सुप्रीम कोर्ट ने बागेश्वर में वैध खनन की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने बागेश्वर जिले में वैध पट्टों और पर्यावरणीय मंजूरी वाले खनन कार्यों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट वैध गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकता। फरवरी 2025 में हाईकोर्ट ने पर्यावरणीय क्षति का हवाला देकर पूर्ण रोक लगाई थी, लेकिन अब सीमित खनन की मंजूरी मिली। उत्तराखंड के बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में मैग्नेसाइट जैसे खनिज प्रचुर हैं। यह निर्णय स्थानीय अर्थव्यवस्था को राहत देगा, लेकिन कोर्ट ने सख्त पर्यावरणीय निगरानी का आदेश दिया। राज्य सरकार ने ‘ग्रीन माइनिंग’ नीति को मजबूत करने का वादा किया।
9. शिक्षा एवं पुरस्कार क्षेत्र: अल्मोड़ा के रसायन शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल को राष्ट्रीय जल पुरस्कार
अल्मोड़ा जिले के रसायन शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल को छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे उत्तराखंड से इस पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति हैं। कांडपाल ने जल संरक्षण पर जागरूकता अभियान चलाकर स्कूलों में वर्षा जल संचयन और नदी सफाई को प्रोत्साहित किया। केंद्र सरकार ने उन्हें ‘जल योद्धा’ की उपाधि दी। यह पुरस्कार राज्य के जल संकट से निपटने में प्रेरणा बनेगा, जहां हिमालयी नदियां प्रदूषण का शिकार हो रही हैं। कंदपाल ने कहा, “शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण संभव है।” सरकार ने अब राज्य स्तर पर ऐसे अभियानों को बढ़ावा देने की योजना बनाई।
10. शहरी विकास एवं पर्यटन क्षेत्र: पहाड़ी इलाकों में नए शहर विकसित करने की कवायद शुरू
उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में नए शहर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों को आदेश जारी कर भूमि चिह्नीकरण और मास्टर प्लान तैयार करने को कहा गया। यह योजना पर्यटन, आवास और रोजगार को बढ़ावा देगी, खासकर मसूरी, नैनीताल और औली जैसे क्षेत्रों में। सीएम धामी ने कहा, “नए शहरों से प्रवास रोका जा सकेगा।” इसके साथ ही एस्ट्रो विलेज में खगोलीय पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जहां हिमालय के मनोरम दृश्य पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। यह परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।
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