मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकियों और नवाचारों से किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह बात शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) के तत्वावधान में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीबीपीयूएटी) द्वारा आयोजित 17वीं कृषि विज्ञान कांग्रेस के दूसरे दिन बोलते हुए कही।
सभा को संबोधित करते हुए धामी ने कृषि विज्ञान कांग्रेस के आयोजन की प्रासंगिकता की सराहना की। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में नवाचारों की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए किसानों के हित में सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया और कहा कि उत्तराखंड सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार किसानों के हित में विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है, ताकि वे आधुनिक कृषि तकनीक अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकें।
उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिकों से किसानों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया, ताकि नवाचारों को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके। जीबीपीयूएटी के कुलपति मनमोहन सिंह चौहान ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने भूजल स्तर पर इस प्रथा के नकारात्मक प्रभाव और बढ़ते कीड़ों के संक्रमण के कारण गर्मी के मौसम में धान की रोपाई पर प्रतिबंध लगाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की। ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध से न केवल भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलेगी बल्कि पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस ‘कृषि कुंभ’ में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, यूके, जर्मनी, इटली, रोमानिया, स्लोवेनिया, थाईलैंड, फिजी, मोरक्को, जाम्बिया, ओमान और नेपाल सहित 16 देशों के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। इसके अलावा उद्योग जगत के प्रतिनिधि और प्रगतिशील किसान भी इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं.