उत्तराखंड में मानसून का कहर अभी से बरपने लगा है। मानसून के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में मुसीबतों का दौर भी शुरू हो गया है। प्रदेश में इस समय कई सड़कें बंद हैं तो वहीं चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी आयी है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश का कहर बरस रहा है। बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाइवे पर 1952 में बनी सुरंग के आगे का हिस्सा ढह गया। वहीं सुरंग में छेद भी हो गया है। इस सुरंग से वाहनों की आवाजाही रोक दी गयी है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश भर में भारी बारिश हो रही है। गढ़वाल के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है। नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। भारी बारिश के चलते केदारनाथ धाम जाने वाले रास्ते पर बनी सत्तर साल पुरानी सुरंग भी धराशायी हो गयी। गुरुवार को तेज बारिश के कारण इस सुरंग के आगे का हिस्सा ढह गया। जबकि पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरने के कारण सुरंग में छेद भी हो गया है।
टनल का अगला हिस्सा ढहने के कारण यहां से स्थानीय और यात्री वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है। यात्री वाहनों को बाईपास मोटर मार्ग से भेजा जा रहा है। बारिश के कारण शहर में भी कई जगह पर जल भराव की स्थिति हो गई है। रुद्रप्रयाग में गुरुवार से लगातार बारिश हो रही है। जिसके चलते जनजीवन भी खासा प्रभावित हो रहा है।
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे पर लगभग 50 मीटर लंबी सुरंग स्थित है। यह सुरंग 1952 में यातायात सुविधा को देखते हुए बनाई गई थी। गुरुवार को हुई बारिश के कारण इस सुरंग का आगे का हिस्सा टूट गया। सुरंग के आगे का हिस्सा टूटने के कारण रास्ता बंद हो गया है। जिसकी वजह से सुरंग से वाहनों की आवाजाही भी नहीं हो रही है। प्रशासन ने यात्री और स्थानीय लोगों के वाहनों को बाईपास मोटर मार्ग के लिए डायवर्ट कर दिया है। सुरंग को खोलने का काम भी आज सुबह शुरू कर दिया गया था। हालांकि लगातार हो रही बारिश के कारण सुरंग को खोलने के लिए खासी मशक्कत भी करनी पड़ी। उधर बद्रीनाथ क्षेत्र में भी लगातार बारिश होने के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। जिसके चलते नदी से सटे आवासीय भवनों को भी खतरा हो गया है। लगातार बारिश के चलते बेलनी पुल के नीचे स्थित शिव मूर्ति जलमग्न हो गई है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को भी सतर्क रहने की चेतावनी दी जा रही है।