जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. एस.एस. नबियाल ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से अपील की है कि वे जंगली मशरूम का सेवन न करें, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। बरसात के मौसम में जंगलों में उगने वाले कई प्रकार के मशरूम जहरीले होते हैं, जिनकी पहचान करना आम लोगों के लिए मुश्किल होता है।
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. नबियाल ने बताया कि हाल ही में जंगली मशरूम खाने से दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मुनस्यारी क्षेत्र के कुछ गांवों की महिलाएं मशरूम और लिंगुण की सब्जी खाने से बीमार हो गई थीं। समय रहते इलाज मिलने से उनकी जान बच गई।
उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल धारचूला क्षेत्र के चार मरीज, जो जंगली मशरूम के सेवन से बीमार पड़े थे, जिला अस्पताल में भर्ती हैं और उनका उपचार जारी है।
सीएमओ ने बताया कि जहरीले मशरूम का असर अक्सर देर से होता है, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो जाती है और समय पर इलाज न मिलने पर जान भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद जंगली मशरूम खाने से बीमार होने के मामले सामने आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
डॉ. नबियाल ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वे केवल विश्वसनीय और पहचाने गए स्रोतों से ही खाद्य वस्तुओं का सेवन करें और विशेषकर जंगली मशरूम जैसी चीजों से पूरी तरह परहेज करें।