हरिद्वार में वर्ष 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ मेले को देखते हुए रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर परिवहन निगम के लिए 665 करोड़ रुपये का बजट जारी करने की मांग की है। परिषद का कहना है कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए सुरक्षित और पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
परिषद के महामंत्री दिनेश पंत ने पत्र में बताया कि बिना परमिट निजी वाहनों और अनुबंधित बसों के कारण निगम का राजस्व प्रभावित हो रहा है। वहीं, 2016 और 2019 में खरीदी गई बसें 2027 तक सेवा-सीमा पूरी कर लेंगी। ऐसे में भीड़ प्रबंधन और यात्री सुरक्षा के लिए नई बसों की तत्काल आवश्यकता है।
प्रस्तावित बस खरीद और बजट विभाजन
- 10 इलेक्ट्रिक बसें – ₹25 करोड़
- 100 एसी/स्लीपर बसें – ₹60 करोड़
- 1000 बीएस-6 साधारण बसें – ₹500 करोड़
- वर्कशॉप/मेंटेनेंस व चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर – ₹50 करोड़
- प्रशिक्षण व नियुक्ति – ₹10 करोड़
- आकस्मिक व्यय व कर राहत – ₹15 करोड़
परिषद ने सुझाव दिया है कि 350 करोड़ रुपये अर्द्धकुंभ निधि से और शेष राशि स्ववित्तीय/बैंक ऋण से उपलब्ध कराई जाए, साथ ही ब्याज पर सब्सिडी भी दी जाए।
निगम का अनुमान है कि अर्द्धकुंभ के दौरान आठ से दस करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच सकते हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश और हिमाचल की तरह अग्रिम तैयारी पर बल देने की आवश्यकता बताई गई है।