उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष करण माहरा ने कहा है कि राज्य में तीन स्तरीय पंचायत चुनावों में तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
शुक्रवार को राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पंचायत चुनावों में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने सरकार के एजेंट की तरह काम किया और उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी की।
“हाईकोर्ट ने पंचायती राज अधिनियम के अनुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया था, लेकिन आयोग ने कोई संज्ञान नहीं लिया। मैंने निष्प्रयुक्त मतपत्रों की सुरक्षा को लेकर मांग की थी कि उन्हें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में डबल लॉक सुरक्षा में रखा जाए, लेकिन आयोग ने इस पर भी कोई ध्यान नहीं दिया,” माहरा ने कहा।
उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड के ग्रामीण मतदाताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन किया, और भाजपा को अधिकांश स्थानों पर पराजय का सामना करना पड़ा। माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के परिजन तक चुनाव हार गए हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा के विधानसभा क्षेत्र सितारगंज में भाजपा को छह में से चार सीटों पर हार मिली है। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट अपने गृह जनपद चमोली की जिला पंचायत सीट तक नहीं जिता सके।
माहरा ने कहा कि कांग्रेस राज्य के अधिकांश जिलों में मजबूत स्थिति में है और उसके उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करेंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भाजपा ने पंचायत चुनावों में जनता द्वारा दिए गए जनादेश को कमजोर करने या उसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो कांग्रेस उसका सख्ती से विरोध करेगी।