नैनीताल घूमने आए एक युवक द्वारा लगाए गए सनसनीखेज आरोपों के बाद तल्लीताल थाना पुलिस ने पत्नी और उसके पुरुष मित्र के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है। मामला तब सामने आया जब कानपुर निवासी सौरभ राठौर ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि उसकी पत्नी और उसके दोस्त ने मिलकर उसे मारने की योजना बनाई थी।
कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने अब मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
🔍 क्या है मामला?
सौरभ राठौर, निवासी मथुरा नगर, गंगागंज, पनकी (कानपुर), 22 मई 2024 को अपनी पत्नी, बहन और अन्य परिजनों के साथ नैनीताल घूमने आए थे और गेठिया क्षेत्र के एक होटल में ठहरे थे।
28 मई की रात जब सौरभ अपने होटल के कमरे में आराम कर रहे थे, तभी उनकी पत्नी खाना लेकर आई। बाद में सौरभ को होश आया तो वह सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती थे और उनके दाएं हाथ की कलाई कटी हुई थी।
पत्नी और उसके दोस्त गौरव द्वारा इस घटना के अलग-अलग कारण बताए गए — गौरव ने कहा कि वह सीढ़ी से गिरकर घायल हुए, जबकि पत्नी ने शीशा तोड़ने की बात कही। इन विरोधाभासी बयानों के चलते सौरभ को शक हुआ।
📱 व्हाट्सएप चैट से खुला राज
कुछ दिन बाद सौरभ ने पत्नी का मोबाइल चेक किया, जिसमें गौरव के साथ अश्लील व्हाट्सएप चैट मिली। इन चैट्स में ऐसी बातचीत थी जो अवैध संबंधों की ओर इशारा कर रही थी। इसके बाद सौरभ का शक यकीन में बदल गया कि उसकी हत्या की साजिश रची गई थी।
सौरभ का दावा है कि अस्पताल से संबंधित दस्तावेज़ और बिल भी पत्नी ने डिलीट कर दिए और फिर मायके चली गई। वहीं, सौरभ के ताऊ ने कथित रूप से गौरव को यह कहते सुना कि उसने ही सौरभ का हाथ काटा था लेकिन बहन के आने से वह बच गया।
👮♂️ पुलिस कार्रवाई में देरी, कोर्ट से मिला न्याय
सौरभ ने पहले 19 अक्टूबर 2024 को ज्योलीकोट चौकी में शिकायत दी थी, लेकिन छह महीने तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने 13 मई 2025 को एसएसपी नैनीताल और फिर प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र भेजा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
अंततः सौरभ ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में याचिका दायर की, जिस पर कोर्ट ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तल्लीताल थाना पुलिस को 24 घंटे में मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
⚖️ अब क्या आगे?
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, आरोपी पत्नी और उसके दोस्त की भूमिका पर पुलिस की निगाहें टिकी हुई हैं। यह मामला घरेलू संबंधों, विश्वासघात और आपराधिक साजिश की भयावह तस्वीर पेश करता है।
निष्कर्ष:
नैनीताल का यह मामला न सिर्फ वैवाहिक विश्वास को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से छुपे हुए रिश्तों की परतें कैसे खुल सकती हैं। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब न्याय की उम्मीद जगी है।