देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि डेंगू की जांच के लिए निर्धारित दरों से अधिक पैसे लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि अकेले देहरादून जिले में अब तक 31 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने बताया कि हाल ही में जिले के ब्लड बैंकों और निजी व सरकारी पैथोलॉजी लैब के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में निर्देश दिया गया था कि निजी अस्पतालों व लैब के वेटिंग एरिया और बिलिंग काउंटर पर डेंगू की जांच के लिए अधिकतम दरें प्रदर्शित की जाएं। साथ ही निर्देश दिया गया कि केवल डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की ही जांच कराई जाए और अनावश्यक जांच से बचा जाए।
उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू जांच के लिए दरें निर्धारित कर दी हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं: एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में डेंगू एलिसा जांच 1,100 रुपये और गैर-एनएबीएल प्रयोगशालाओं में 1,000 रुपये। रैपिड टेस्ट (एनएस1) की कीमत 500 रुपये है, जबकि डेंगू रैपिड टेस्ट (एनएस1 + आईजीजी + आईजीएम कॉम्बो टेस्ट) की कीमत 800 रुपये है।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान निजी प्रयोगशालाओं द्वारा किए जाने वाले अन्य परीक्षणों के बारे में भी चर्चा हुई, जिनकी दरें अभी निर्धारित नहीं की गई हैं। उन्होंने बताया कि दो से तीन दिनों के भीतर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज (जीडीएमसी) के प्रशासन के साथ चर्चा की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, इन अतिरिक्त परीक्षणों के लिए चूहों को तय किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि प्लेटलेट बैग दो प्रकार के होते हैं: रैंडम डोनर प्लेटलेट (आरडीपी) बैग और जंबो बैग। जंबो प्लेटलेट बैग की कीमत 12,000 रुपये तय की गई है, लेकिन आरडीपी बैग की कीमत को लेकर अभी भी कुछ असमंजस की स्थिति है। इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और जब तक आरडीपी बैग की कीमत तय नहीं हो जाती, तब तक पुरानी दर ही लागू रहेगी।