देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने अधिकारियों को देहरादून के प्रत्येक सरकारी अस्पताल के अप्रयुक्त कमरों में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) घर और शयनगृह बनाने की योजना विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह बात सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कही, जहां उन्होंने डेंगू के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत की।
यह कार्यक्रम डेंगू और मलेरिया की गहन निगरानी के साथ-साथ ग्राउंड जीरो पर काम करने वाले कर्मियों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और इन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए आयोजित किया गया था। बंसल ने फील्ड कर्मियों को गर्व, जिम्मेदारी और आत्मविश्वास के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने उच्च स्तरीय अधिकारियों और कार्यालय कर्मियों को ग्राउंड जीरो कार्यकर्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने के निर्देश भी दिए। साथ ही, उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को आशा कर्मियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और उनके लिए सुविधाएं और कर्मियों को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने सीएमओ को अस्पतालों के खाली कमरों में आवासीय सुविधाएं और शयनगृह बनाने के लिए कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है, तथा शासन प्रशासन के साथ-साथ फील्ड कर्मियों की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है, ताकि क्षेत्र की स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा सके। साथ ही सीएमओ डॉ. संजय जैन ने डीएम को बताया कि राज्य बजट से प्राप्त मानदेय का भुगतान आशा कार्यकर्ताओं को अगस्त माह तक कर दिया गया है। एनएचएम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के लिए आशा कार्यकर्ताओं को जून माह तक का प्रोत्साहन भुगतान कर दिया गया है। जुलाई, अगस्त व सितंबर माह के प्रोत्साहन की मांग एनएचएम कार्यालय उत्तराखंड को सौंप दी गई है। उन्होंने बताया कि बजट प्राप्त होते ही इस भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।