पिथौरागढ़ में कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद मुकेश पंत को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। नई जिम्मेदारी मिलने के साथ ही उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एक-दूसरे से बिखरे और नाराज धड़ों को दोबारा एकजुट करना है। निकाय चुनाव के दौरान संगठन जिस प्रकार टूट का शिकार हुआ, उसके बाद जिलाध्यक्ष के लिए हालात संभालना आसान नहीं होने वाला।
कांग्रेस में गुटबाजी गहराई, विधायक की नाराजगी बनी बड़ी वजह
निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज विधायक मयूख महर openly पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खड़े हो गए थे। उन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का विरोध करते हुए अपनी समर्थक को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा और प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी।
हालांकि उनकी उम्मीदवार कुछ ही वोटों से चुनाव हार गई, लेकिन इसका असर कांग्रेस पर भारी पड़ा—
- पार्टी प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई
- संगठन गुटों में बंट गया
- पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा
अब स्थिति यह है कि विधायक और उनके समर्थक एक ओर हैं, जबकि पार्टी का बड़ा हिस्सा दूसरी ओर।
नए जिलाध्यक्ष के सामने कठिन राह
नई जिम्मेदारी संभालते ही मुकेश पंत को पूरी तरह बिखर चुके संगठन को दोबारा खड़ा करना है।
उनके सामने प्रमुख चुनौतियाँ—
- नाराज विधायक मयूख महर को मनाना
- उनके समर्थकों को फिर से मुख्यधारा में लाना
- निकाय चुनाव के समय पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे कार्यकर्ताओं पर निर्णय
- विधानसभा चुनाव से पहले मजबूत संगठन तैयार करना
प्रदेश नेतृत्व बदलने के बाद नए संकेत
निकाय चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महरा और विधायक मयूख महर के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी। करन महरा द्वारा विधायक को ‘रणछोड़’ कहे जाने के बाद विवाद और बढ़ गया। मयूख महर ने स्पष्ट कहा था कि करन महरा के हटने तक वे सक्रिय राजनीति में वापस नहीं लौटेंगे।
अब प्रदेश में नया अध्यक्ष और जिला स्तर पर नया नेतृत्व नियुक्त होने के बाद सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विधायक क्या रुख अपनाते हैं।
निष्कासित कार्यकर्ताओं की वापसी पर सवाल
निकाय चुनाव में पार्टी विरोधी काम करने पर कांग्रेस ने 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया था।
अब बड़ा सवाल यह है—
- क्या इन्हें वापस पार्टी में शामिल किया जाएगा?
- या नए जिलाध्यक्ष नई टीम तैयार कर नए चेहरों पर दांव लगाएंगे?
यह मुद्दा पिथौरागढ़ की राजनीति में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
नए जिलाध्यक्ष का बयान
मुकेश पंत, नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने कहा—
“पार्टी ने जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। हर संगठन में टूट-फूट होती है, लेकिन सबको साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी मेरी है। रूठों को मनाया जाएगा और पूरी पार्टी एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरती हुई नजर आएगी।”
