उत्तराखंड कांग्रेस दीपावली से पहले संगठन में बड़ा बदलाव करने जा रही है। पार्टी नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने की तैयारी में है, ताकि संगठन को बूथ स्तर तक और अधिक मजबूत किया जा सके। पार्टी का मानना है कि नई टीम से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा।
2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने संगठन को नई गति देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पार्टी के 27 सांगठनिक जिलों में से अधिकांश जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। पार्टी हाईकमान इस बार सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता देते हुए बदलाव की शुरुआत कर रहा है।
बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई, जिसमें जिलाध्यक्षों की नई सूची पर मंथन किया गया। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, उत्तराखंड प्रभारी कुमारी सैलजा, तथा प्रदेश के वरिष्ठ नेता — प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार, नई जिलाध्यक्ष सूची दीपावली से पहले जारी की जा सकती है। इसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों को विशेष प्रतिनिधित्व देने पर जोर रहेगा। पार्टी का लक्ष्य है कि संगठन की नई संरचना सामाजिक विविधता और क्षेत्रीय संतुलन दोनों को प्रतिबिंबित करे।
पार्टी के “संगठन सृजन अभियान” के तहत, एआईसीसी द्वारा प्रदेश में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी, जिन्होंने जिलों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप दी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर अब अंतिम सूची तैयार की जा रही है।
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि यह बदलाव 2027 में भाजपा के खिलाफ मजबूत विकल्प पेश करने की दिशा में पहला बड़ा कदम साबित होगा।