राज्य में 2 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी ज़िला स्तरीय अधिकारियों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने और अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
रविवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम धामी ने कहा कि लगातार हो रही वर्षा से राज्य में चुनौतीपूर्ण हालात बन रहे हैं और आने वाले दिन भी मुश्किल हो सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को जन सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। खासतौर पर भूस्खलन संभावित मार्गों और मैदानी इलाकों में जलभराव की समस्या को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतने को कहा। सभी परिस्थितियों की निगरानी राज्य आपदा परिचालन केंद्र से करने के आदेश भी दिए गए।
सीएम ने कहा कि आपदा से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल आयुक्तों को पुनर्वास कार्य तेज करने और मैदानी जिलों में वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने ज़िला अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों के लिए लगातार फील्ड में मौजूद रहने को कहा।
चमोली ज़िले में ज्योतिर्मठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तमक नाला में पुल बह जाने पर मुख्यमंत्री ने बीआरओ अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह पुल राज्य और देश की दृष्टि से रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इसे शीघ्रता से बहाल करने के लिए बेली ब्रिज लगाने के निर्देश दिए। सीएम ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी।
सीएम ने गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा और स्थिति सुधारने के निर्देश दिए ताकि यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग पूरी तरह सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मानसून समाप्त होते ही पैचवर्क और नई सड़कों के निर्माण कार्य शुरू करने के आदेश दिए।
उत्तरकाशी के हरशिल और स्यानाचट्टी में बनी झीलों की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से स्यानाचट्टी झील की 24 घंटे निगरानी होनी चाहिए। यहां जलस्तर बढ़ने की जानकारी को देखते हुए राहत-बचाव टीमें तैनात करने के निर्देश दिए। साथ ही हरशिल और स्यानाचट्टी में नदी में जमा मलबा सुरक्षित स्थान पर हटाने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगले कुछ दिनों तक नदियों के जलस्तर पर विशेष नजर रखी जाए। यदि खतरे की स्थिति बनती है तो तुरंत लोगों को सतर्क कर सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएं।