पर्यावरण संरक्षण के लिए चमोली से शुरू हुए प्रसिद्ध चिपको आंदोलन की 51वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आंदोलन की जननी मानी जाने वाली गौरा देवी के पैतृक गांव रैणी में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर ग्रामीणों ने वनों की रक्षा का संकल्प लिया। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि विश्व स्तर पर प्रशंसित चिपको आंदोलन की शुरुआत गौरा देवी की अगुआई में उनके गांव से हुई। एक ग्रामीण ने कहा, “समय बीतने के साथ-साथ इस पारिस्थितिक आंदोलन का महत्व दुनिया भर में बढ़ रहा है। यह दिन पेड़ों को बचाने की हमारी प्रतिबद्धता को फिर से पुष्ट करने का है, चाहे कुछ भी हो जाए।” ज्योतिर्मठ के रविग्राम में भी स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां लोगों के बीच पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाया गया।