उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का एक बहादुर जवान लद्दाख में चीन सीमा पर ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पैतृक घर पहुंचा, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई वीर सपूत के बलिदान पर दुःखी है और घर में मातम पसरा हुआ है।
लद्दाख में उत्तराखंड का जवान शहीद — चीन सीमा पर दिया सर्वोच्च बलिदान
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 16वीं बटालियन में तैनात इंस्पेक्टर/मेडिकल विनीत चंद रजवार, मूल निवासी सेरी सुवालेख (पिथौरागढ़) एवं हाल निवासी जगदंबा कॉलोनी, ड्यूटी के दौरान लद्दाख में शहीद हो गए। शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से लद्दाख से दिल्ली लाया गया। इसके बाद सड़क मार्ग से पिथौरागढ़ स्थित उनके घर पहुंचाया गया, जहां परिजनों और ग्रामीणों ने रोते-बिलखते हुए अंतिम दर्शन किए।
पूर्व जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व सभासद एवं सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सौन ने परिजनों को ढांढस बंधाया और वीर जवान को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन के अध्यक्ष छवि वर्मा, संरक्षक जगत सिंह सौन, और सीनियर सिटीजन वेलफेयर के सदस्यों ने भी अंतिम दर्शन कर भावपूर्ण विदाई दी।
सैन्य परंपरा वाला परिवार
विनीत चंद रजवार का परिवार सैन्य सेवा से गहराई से जुड़ा रहा है—
- उनके बरगे दादा स्व. सूबेदार चंद्री चंद वीर चक्र से सम्मानित थे।
- दादा नायब सूबेदार स्व. भानी चंद को सेना मेडल प्राप्त था।
- उनके पिता इंद्र चंद रजवार, सेवानिवृत्त डिप्टी कमांडेंट हैं।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पार्थिव शरीर को घर से रामेश्वर घाट तक सब इंस्पेक्टर कुंवर सिंह के नेतृत्व में सैनिक सम्मान के साथ ले जाया गया।
घाट पर 14वीं बटालियन ITBP के इंस्पेक्टर गिरीश चंद के नेतृत्व में अंतिम सलामी दी गई।
पिता और चाचा सूबेदार महेंद्र चंद ने सरयू और रामगंगा नदी के संगम पर अग्नि देकर वीर सपूत का अंतिम संस्कार किया।
