उत्तराखंड के चंपावत और बागेश्वर जिलों में मंगलवार रात हुई भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई। चंपावत में बाटनागाड़ में मलबा आने से टनकपुर-ठुलीगाड़-भैरव मंदिर सड़क 12 सितंबर से बंद है, जिससे पूर्णागिरि धाम का मार्ग बाधित हो गया। बागेश्वर में सरयू नदी में सिल्ट जमा होने से पेयजल संकट गहरा गया है, और 10 मोटर मार्ग मलबे के कारण प्रभावित हुए हैं।
चंपावत में सड़कें अवरुद्ध
बाटनागाड़ में मलबे के कारण टनकपुर-ठुलीगाड़-भैरव मंदिर मार्ग बुधवार सुबह तक बंद रहा, जिससे पूर्णागिरि धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलवार रात की बारिश ने टनकपुर-चंपावत हाईवे को स्वाला और टिफिनटाप के पास अवरुद्ध कर दिया। बुधवार सुबह मशीनों की मदद से आठ बजे इस मार्ग पर आवागमन बहाल किया गया। जिले में हल्की बारिश जारी है, और मौसम में ठंडक बनी हुई है।
बागेश्वर में पेयजल संकट
बागेश्वर में रातभर हुई बारिश के कारण 10 मोटर मार्ग मलबे से अवरुद्ध हो गए, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। सरयू नदी में सिल्ट जमा होने से पेयजल आपूर्ति ठप हो गई, जिससे स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने प्रभावित मार्गों को खोलने और पेयजल व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है।
राहत और बहाली के प्रयास
प्रशासन ने क्षतिग्रस्त सड़कों को खोलने के लिए मशीनें तैनात की हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं। स्थानीय लोग और श्रद्धालु जल्द से जल्द मार्गों की बहाली और पेयजल आपूर्ति सामान्य करने की मांग कर रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते प्रशासन को और सतर्क रहने की जरूरत है।