बड़ी खबर सूत्रों से हवाले से आ रही है कि नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से डॉक्टर महेंद्र सिंह पाल जो कि वर्तमान में उत्तराखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं और पूर्व में दो बार सांसद भी रह चूके हैं, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं तथा इनकी अच्छी पकड़ एवं बेहतर छवि इस क्षेत्र में बताई जाती है।
वह पुराने जमीन से जुड़े नेता रहे हैं और क्षेत्र में मजबूत पकड़ उनकी बताई जाती है। कभी अपनी संसदीय के समय टाटा नैनो में घूमा करते थे और आज भी वह अपनी छोटी गाड़ी से ही आना-जाना करते हैं। बहुत ही साधारण, सरल स्वभाव के डॉ पाल कई बार उत्तराखंड बार की भी अध्यक्ष रहे हैं तथा नैनीताल-ऊधमसिंह नगर की क्षेत्रों में तथा सभी लोगों के बीच इनकी मजबूत पकड़ बताई जाती है। साथ ही डॉ पाल के उच्च शिक्षित एवं लंबा राजनीतिक अनुभव होना भी उनके पक्ष में कार्य किया।
इनका निर्विरोध होना भी इनके पक्ष में काम किया और लगातार दो बार सांसद टिकट मिलने पर दोनों बार ही सांसद बन।उसके बाद इनके मित्र के0सी सिंह बाबा नैनीताल से सांसद रहे और के0सी सिंह बाबा ने भी डॉक्टर पाल को पुनः टिकट देने हेतु पार्टी से विचार करने को कहा था। डॉक्टर पाल को टिकट मिलने से पुराने कांग्रेसियों में भी उत्साह नजर आने लगा है, तथा सभी लोगो में खड़े होने से उनकी राह आसान नजर आती है। इसकि साथ ही डॉ पाल की पत्नी डॉ मीना शाह भी सेना मैं लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुई हैं, जिससे साफ है कि सैनिक क्षेत्र होने से भी उनको स्पष्ट फायदा मिल सकता है। स्पष्ट है कि पार्टी ने अगर इतने समय टिकट देने में लगाया है तो निश्चित ही सोच-समझकर फैसला लिया होगा।
डॉ पाल ने बताया कि ” पिछले 10 वर्ष से क्षेत्र में एक भी विकास का कार्य नहीं हो पाया है। मंत्री होने के बावजूद वर्तमान सांसद क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं कर पाए हैं और उनके पास अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है। सिर्फ रोड शो, फूल-माला कार्यक्रम और अपनी तारीफे करनी, इसके अलावा कोई कार्य नहीं हो रहा है। 10 साल से इस लोकसभा क्षेत्र ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के लिए क्या उन्होंने किया है? इसके लिए खुली बहस की चुनौती देते हैं।
आज युवा बेरोजगार हैं, शिक्षा, स्वास्थ्य मैं तमाम परेशानियां हैं। AIIMS-एम्स, जिसकी घोषणा चार वर्ष पूर्व कर दी गई थी, एक पत्थर भी नहीं डाला यह है। इसके साथ ही पर्यटन में कुछ भी नया नहीं हुआ है। अपितु पर्यटक स्थलों के हाल अतिथि खराब हो गए हैं। जाम से आदमी परेशान है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जंगली जानवरों ने लोगों को परेशान किया हुआ है। कृषि विश्वविद्यालय मैं विकास कार्य रुक गए है और इतना बड़ा कृषि विश्वविद्यालय होते हुए भी लोग आज कृषि छोड़ रहे हैं।
डॉ पाल बताते हैं कि कांग्रेस के समय काशीपुर में, उधमसिंह नगर जिले IIM खुलवाया, नैनीताल में हाईकोर्ट की नींव रखी गई, नए शहर बसाए गए, कितू आज आप देख रहे हैं विकास रुक गया है और कुछ भी प्रगति आपको इन क्षेत्रों में देखने को नहीं मिलेगी। उत्तराखंड का सबसे बड़ा अस्पताल सुशीला तिवारी हल्द्वानी में खुलवाया गया। सितारगंज,खटीमा रुद्रपुर, काशीपुर जगह-जगह सिडकुल स्थापित किए गए तथा बड़ी बड़ी कंपनियां आई , आज वहाँ कुछ भी रोजगार नहीं है।
बच्चे कार्य के लिए भटक रहे हैं और राज्य सरकार, केंद्र सरकार जरूरी मुद्दों पर कुछ भी ध्यान नहीं दे रही है। महंगाई से लोग त्रस्त हैं और शहरों में रहना अत्यंत कठिन हो चुका है। हर घर का बजट बिगड़ा हुआ है, बिजली, पानी,गैस, तेल, सब्जी ,दाल तक महंगा हो गया है।
और हल्द्वानी की इतिहास में काला अध्याय हल्द्वानी में दंगे करवाकर इस सरकार के नाम इस पर अलग से लग गया है जिसने कई दिनों तक नैनीताल-उधमसिंह नगर की जनता को कर्फ्यू के अंदर रहने पर मजबूर किया, उनके जरूरी काम छूट गए। अस्पताल जाने की परेशानी रही, जिसपर सरकार पूर्णतया फेल हुई है“।
उन्हें पूरी उम्मीद है कि क्षेत्र की जनता इस बार परिवर्तन करके ही रहेंगी। देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र की जनता उन पर कितना भरोसा जताती है?