नैनीताल में चरस तस्करी के एक महत्वपूर्ण मामले में अदालत ने बिंदुखत्ता निवासी एक अभियुक्त को 12 साल की कठोर कारावास और एक लाख 20 हजार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह फैसला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) संजीव कुमार की अदालत ने सुनाया। आरोपी से एक किलो 108 ग्राम चरस बरामद हुई थी।
कोर्ट का कड़ा संदेश
अपने निर्णय में अदालत ने कहा कि चरस जैसे मादक पदार्थ समाज को अंदर से खोखला करते हैं, खासकर युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर बनाया जाता है। कोर्ट ने इसे गंभीर व समाज विरोधी अपराध बताते हुए कड़ी सजा की आवश्यकता पर बल दिया।
कैसे पकड़ा गया तस्कर?
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूजा साह के अनुसार घटना 18 जनवरी 2018 की है।
लालकुआं कोतवाली के एसआई राकेश कठायत पुलिस टीम के साथ गश्त पर थे।
- पुलिस जब तिकोनिया चौराहा, गांधीनगर बिंदुखत्ता पहुंची,
तो हाथ में सफेद पन्नी लिए एक युवक संदिग्ध अवस्था में दिखा। - पुलिस को देखकर वह घबरा गया और भागने लगा, लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया।
- पूछताछ में उसने अपना नाम राजेंद्र बोरा, पुत्र धन सिंह, निवासी गांधीनगर बिंदुखत्ता बताया।
- तलाशी में उसकी पन्नी से एक किलो 108 ग्राम चरस बरामद हुई।
इसके बाद आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
अदालत में क्या हुआ?
पुलिस जांच पूरी होने के बाद मामले का आरोपपत्र कोर्ट में दायर किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से:
- 6 गवाह
- 17 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य
प्रस्तुत किए गए।
वहीं बचाव पक्ष ने दलील दी कि बरामद माल को तौलने की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी नहीं कराई गई।
लेकिन अदालत ने सभी साक्ष्यों, गवाही और परिस्थितियों का आकलन कर आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी करार दिया और कठोर दंड सुनाया।
