ऐतिहासिक जौलजीबी मेला अपने चौथे दिन पूरी तरह सांस्कृतिक रंग में रंगा नजर आया। दिनभर विभिन्न शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जबकि शाम और रात दर्शक लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों पर झूमते रहे।
भाषण और पेंटिंग प्रतियोगिताओं में बच्चों का जलवा
दोपहर में स्कूली बच्चों की भाषण तथा पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई।
भाषण प्रतियोगिता (विषय: जैव विविधता)
- पहला स्थान: तनुश्री (राइंका जौलजीबी)
- दूसरा स्थान: गुंजन अवस्थी (बगड़ीहाट)
- तीसरा स्थान: प्रिंस (मल्लिकार्जुन स्कूल, कालिका)
पेंटिंग प्रतियोगिता
- पहला स्थान: आस्था पालीवाल (राजकीय महाविद्यालय बलुवाकोट)
- दूसरा स्थान: अंजलि (राइंका बगड़ीहाट)
- तीसरा स्थान: अंजल मर्तोलिया (मल्लिकार्जुन स्कूल)
मुख्य अतिथि सिविल जज धारचूला नवीन राणा ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया और उनके उत्साह की सराहना करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।
स्कूली बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ
जीआईसी धारचूला, मल्लिकार्जुन स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर और विवेकानंद इंटर कॉलेज के बच्चों ने मंच पर आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।
स्टार नाइट में रं कल्याण संस्था की धमाकेदार प्रस्तुति
स्टार नाइट का माहौल पारंपरिक रंगों से सराबोर हो गया।
रं कल्याण संस्था की टीम ने पारंपरिक वेशभूषा में रं गीतों की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा।
कलाकारों ने प्रस्तुत किए—
- भुर-भुरू उज्याऊ हैगो
- डाण काना में सुर-सुर
- कैले बजै मुरुली
- काली गंगा को कालो पाणी
- चैता की चैत्वाल
इन गीतों ने पूरा माहौल झूमने पर मजबूर कर दिया।
विशेष कलाकारों की प्रस्तुति
- दिव्यांग कलाकार सुंदर बाफिला और नवीन भट्ट ने अपनी मधुर पहाड़ी गायकी से सभी का दिल जीत लिया।
- नृत्यांगना ईशा मर्तोलिया ने खूबसूरत नृत्य प्रस्तुति देकर खूब तालियाँ बटोरीं।
कार्यक्रम में मौजूद रहे कई विशिष्ट अतिथि
सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि दर्जा राज्यमंत्री अशोक सिंह नबियाल रहे, जबकि
विशिष्ट अतिथियों में मेला अधिकारी जितेंद्र वर्मा, महेंद्र सिंह बुदियाल, कृष्णा गर्ब्याल, महेंद्र ह्यांकी, खुशाल गर्खाल आदि उपस्थित रहे।
