भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बनाए रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूरे समन्वय के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को चंपावत जिले के बनबसा में नेपाल सीमा के पास सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात के दौरान यह बात कही। सीएम का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब शनिवार को संघर्ष विराम की घोषणा के कुछ घंटों बाद पड़ोसी देश द्वारा किए गए उल्लंघन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए सीएम ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले को कायरतापूर्ण कृत्य बताया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने इस आतंकी कृत्य का मुंहतोड़ जवाब दिया है। धामी ने कहा कि भारत के लोगों ने इस समय एकता और राष्ट्रवाद का परिचय दिया है, जो किसी भी हथियार से अधिक शक्तिशाली है।
एसएसबी जवानों के साहस, समर्पण और अनुशासन की सराहना करते हुए धामी ने कहा कि सीमा पर तैनात जवान देश का गौरव हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों के कारण देश की सीमाएं अभेद्य हैं और इनकी सुरक्षा करना राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने सीमा चौकियों पर बुनियादी सुविधाओं के साथ ही जवानों को उपलब्ध संचार व्यवस्था व अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक सुधार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माणा जैसे सीमावर्ती गांवों को ‘प्रथम गांव’ का खिताब दिया है, क्योंकि ये देश की सीमाओं और संस्कृति की पहली पहचान हैं। हम ऐसे गांवों और देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात सभी जवानों का आभार व्यक्त करते हैं। धामी ने एसएसबी जवानों से भी बातचीत की और समस्याओं, अनुभवों और जमीनी हालात के बारे में जाना। इस अवसर पर एसएसबी के डीआईजी अमित शर्मा, चंपावत के जिलाधिकारी नवनीत पांडे, ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी नितिन भदौरिया, ऊधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, चंपावत के पुलिस अधीक्षक अजय गणपति और एसएसबी के अधिकारी भी मौजूद थे।