पिथौरागढ़ जिले के अस्कोट के राजवंशीय नेता भानुराज सिंह पाल ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक महत्वपूर्ण पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने टनकपुर से अस्कोट होते हुए धारचूला तक एक सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की मांग उठाई है। उनका तर्क है कि धारचूला, जो नेपाल और तिब्बत से सटी भारतीय सीमा का एक रणनीतिक महत्व का क्षेत्र है, वर्तमान में टनकपुर से जोड़ने के लिए कोई सीधा मार्ग नहीं है। वर्तमान में, यात्रियों को चंपावत, लोहाघाट और पिथौरागढ़ के रास्ते 10-11 घंटे की थकाऊ यात्रा करनी पड़ती है। वहीं, प्रस्तावित सीधे मार्ग से यह दूरी मात्र 3-4 घंटे में तय हो सकती है।

सामरिक दृष्टिकोण से यह परियोजना अत्यंत लाभकारी साबित होगी। भारतीय सेना के लिए सीमा तक पहुंचने का समय 11 घंटे से घटकर 3-4 घंटे हो जाएगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, अस्कोट भी उत्तराखंड में एक ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व का स्थान है। यहाँ का पाल राजवंश, जिसने पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती (महसों) में अपना राज्य स्थापित किया, इस क्षेत्र के सांस्कृतिक इतिहास से गहराई से जुड़ा है। साथ ही, कस्तूरी मृग संरक्षण के लिए प्रसिद्ध अस्कोट अभयारण्य पर्यटन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकता है।
इस सीधे राजमार्ग के निर्माण से न केवल सेना की गतिशीलता में सुधार होगा, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होगी। साथ ही, यह परियोजना उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगी और क्षेत्रीय पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।