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धामी का एक्शन मोड: बीईओ 20 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विजिलेंस विभाग ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। हरिद्वार के बहादराबाद ब्लॉक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बृजपाल सिंह राठौड़ और उनके सहयोगी मुकेश कुमार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।

विजिलेंस को मिली शिकायत के अनुसार, एक निजी स्कूल की फाइल आगे बढ़ाने और मान्यता से जुड़े कार्यों के एवज में रिश्वत मांगी जा रही थी। शिकायत की पुष्टि के बाद देहरादून से आई विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और दोनों आरोपियों को मौके पर ही दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को पूछताछ के लिए देहरादून लाया गया है।

इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी बीईओ की पत्नी उत्तराखंड पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात हैं। विजिलेंस अब इस मामले से जुड़े अन्य संभावित नेटवर्क की भी जांच कर रही है।

विजिलेंस को फ्री हैंड, भ्रष्टाचारियों में खौफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यभार संभालते ही विजिलेंस विभाग को पूर्ण स्वतंत्रता दी और भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन 1064 को प्रभावी बनाया। इसका परिणाम यह है कि अब केवल छोटे कर्मचारी ही नहीं, बल्कि गजेटेड अधिकारी और बड़े पदों पर बैठे लोग भी कार्रवाई की जद में आ रहे हैं।

धामी सरकार के कार्यकाल में विजिलेंस द्वारा अब तक 82 ट्रैप ऑपरेशन किए गए हैं, जिनमें 94 गिरफ्तारियां हुई हैं। इनमें 13 गजेटेड अधिकारी भी शामिल हैं। दोषसिद्धि दर करीब 71 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जो मजबूत जांच और कानूनी कार्रवाई को दर्शाती है।

पिछले साढ़े चार वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को मिशन मोड में चलाया गया है। राज्य गठन के बाद अब तक 339 भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से बड़ी संख्या धामी सरकार के कार्यकाल की है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन कार्रवाइयों से प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ी है और जनता का सरकार पर भरोसा मजबूत हुआ है। सोशल मीडिया पर भी लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ इस सख्त रुख की सराहना कर रहे हैं।

देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में यह कार्रवाई एक और अहम कदम मानी जा रही है।

By devbhoomikelog.com

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