उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 100वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने सामाजिक चुनौतियों से निपटने में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर जोर दिया और कहा कि अधिकारियों को कानूनों को सिर्फ़ “टेक्स्ट” में नहीं, बल्कि उनकी “स्पिरिट” में भी समझना चाहिए।
अपने संबोधन के बीच रक्षा मंत्री ने मंच से एक गणितीय सवाल पूछा, जिसने 600 से अधिक ट्रेनी IAS अधिकारियों को कुछ क्षण के लिए असमंजस में डाल दिया।
ऐसा था सवाल जिसने छा दिया सन्नाटा
राजनाथ सिंह ने पूछा—
“एक आदमी के पास कुछ पैसे थे। उसने आधा A को, एक-तिहाई B को और शेष 100 रुपये C को दिए। कुल पैसा कितना था?”
सवाल सुनते ही सभागार में सन्नाटा पसर गया। कुछ देर बाद एक प्रशिक्षु ने 3000 रुपये बताया, जिस पर राजनाथ सिंह मुस्कुराए और बोले—
“गलत है, फिर सोचिए।”
कुछ क्षण बाद एक ट्रेनी IAS ने जवाब दिया—600 रुपये।
मंत्री तुरंत बोले—“बिल्कुल सही।”
रक्षा मंत्री ने ऐसे समझाया सवाल
उन्होंने मंच से ही उंगलियों पर पूरा समाधान समझाया—
- मान लो कुल पैसा = A
- A को मिला = A/2
- B को मिला = A/3
- यानी दोनों को मिला = 5A/6
- शेष C को मिला = 100
- यानी: A – 5A/6 = 100 → A/6 = 100 → A = 600
ट्रेनी IAS को दिया प्रेरणादायक संदेश
राजनाथ सिंह ने कहा कि जीवन की समस्याएँ भी आस्था, विश्वास और साहस से सुलझाई जा सकती हैं।
उन्होंने प्रशिक्षुओं को निडर होकर काम करने और देशहित को सर्वोपरि रखने की सलाह दी।
