उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के गांधी मैदान में सात दिवसीय सहकारिता मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सहकारिता से प्रदेश समृद्धि की ओर बढ़ रहा है और महिलाएं आत्मनिर्भरता की मजबूत मिसाल पेश कर रही हैं। राज्य सरकार महिला विकास और सशक्तिकरण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
सीएम धामी बोले— “महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर”
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और सहकारिता के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (एमपैक्स) अब सिर्फ बचत और ऋण देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल रूप से सक्षम होकर—
- आधार सेवा केंद्र
- जन सुविधा केंद्र
- जनऔषधि केंद्र
जैसी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इससे आम लोगों को कई सुविधाएं सीधे गांव स्तर पर उपलब्ध हो रही हैं।
सहकारिता मंत्रालय और प्रधानमंत्री की दृष्टि का उल्लेख
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सहकार से समृद्धि” का मंत्र देते हुए 2021 में अलग सहकारिता मंत्रालय स्थापित किया, ताकि किसानों और ग्रामीण समुदायों को संगठित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालन, मत्स्य पालन, फूलों की खेती जैसी गतिविधियों के लिए 5 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण, और 1 लाख रुपये तक व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति और कौशल दोनों में वृद्धि हो रही है।
महिला सशक्तिकरण में उत्तराखंड अग्रणी: 1.67 लाख ‘लखपति दीदी’
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 1.67 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ के रूप में उभर चुकी हैं, जो आत्मनिर्भरता और उद्यमिता का प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले सहकारी समितियों को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य शुरू किया।
- 672 एमपैक्स कंप्यूटराइज्ड हो चुकी हैं
- 24 एमपैक्स जनऔषधि केंद्र चला रही हैं
- 640 एमपैक्स सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) संचालित कर रही हैं
किसानों के लिए बढ़ाया गया MSP, डेटाबेस में तेजी से अपलोड
सीएम ने बताया कि प्रदेश की 5511 सहकारी समितियों में से 3838 समितियों का विवरण राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस में अपलोड हो चुका है।
केंद्र सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी बढ़ाया है।
उदाहरण के तौर पर, मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मंडुआ (रागी) का MSP पिछले वर्ष 4270 रुपये से बढ़ाकर इस वर्ष 4886 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण पेंशन और आदर्श चंपावत मॉडल के अंतर्गत किए जा रहे विकास कार्यों का भी उल्लेख किया।
