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उत्तराखंड में कांग्रेस ने साधा भाजपा पर निशाना चुनाव से पहले बदली रणनीति

उत्तराखंड कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल करते हुए संगठन में नई ऊर्जा भरने की कोशिश की है। पार्टी ने जुझारू और सक्रिय नेताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपकर भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा दी है।
गणेश गोदियाल को दोबारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि प्रीतम सिंह को चुनाव प्रचार की कमान और डा. हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन समिति का प्रमुख बनाया गया है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अब समन्वयक की भूमिका निभाएंगे।


🔹 गणेश गोदियाल फिर प्रदेश अध्यक्ष बने

2022 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद हटाए गए गणेश गोदियाल पर कांग्रेस ने दोबारा भरोसा जताया है।
गोदियाल ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें हरीश रावत का करीबी माना जाता है।
कांग्रेस हाईकमान ने इस नियुक्ति के जरिये क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने के साथ ही संगठन में ऊर्जा का संचार करने की कोशिश की है।


🔹 प्रीतम सिंह को चुनाव प्रचार की कमान

चकराता के छह बार के विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को चुनाव प्रचार समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पार्टी ने इस बार प्रचार अभियान की बागडोर अपेक्षाकृत युवा और सक्रिय चेहरे को सौंपकर नई दिशा में कदम बढ़ाया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में यह दायित्व हरीश रावत के पास था। अब प्रीतम सिंह न केवल प्रचार रणनीति बनाएंगे, बल्कि प्रदेशभर में कांग्रेस की चुनावी रैलियों और संवाद अभियानों का नेतृत्व भी करेंगे।


🔹 हरक सिंह रावत को मिली चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी

कभी भाजपा में रहे डा. हरक सिंह रावत को कांग्रेस ने चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है।
2022 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में लौटे हरक सिंह इस बार खुद चुनाव नहीं लड़े थे, लेकिन उनकी संगठनात्मक पकड़ और कार्यशैली को देखते हुए पार्टी ने उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच अब संबंधों में नरमी आई है और दोनों नेता चुनावी मिशन में साथ काम करने को तैयार हैं।


🔹 हरीश रावत की समन्वयक भूमिका

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस ने इस बार एक ‘समन्वयक और मार्गदर्शक’ की भूमिका दी है।
उन्होंने हाल ही में कहा था कि “कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए वह किसी भी भूमिका में काम करने को तैयार हैं।”
पार्टी का मानना है कि रावत का अनुभव और संगठनात्मक पकड़ चुनावी रणनीति को मजबूत करने में मददगार साबित होगी।


🔹 क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर जोर

कांग्रेस ने इस फेरबदल में स्पष्ट रूप से क्षेत्रीय व जातीय संतुलन का ध्यान रखा है।
निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (कुमाऊं मंडल) और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (अनुसूचित जाति वर्ग से) दोनों कुमाऊं से हैं।
ऐसे में गढ़वाल मंडल से आने वाले गोदियाल की नियुक्ति से पार्टी ने संतुलन साधने का प्रयास किया है।
साथ ही करन माहरा को कांग्रेस कार्यसमिति का विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है, जिससे संगठन में उनका सम्मान बना रहे।


🔹 भाजपा के लिए बढ़ी चुनौती

कांग्रेस की इस नई टीम में गढ़वाल क्षेत्र के तीन बड़े नेता — गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह और हरक सिंह रावत — को प्रमुख जिम्मेदारियां मिली हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह फेरबदल भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है क्योंकि पार्टी ने अब तक गढ़वाल में मजबूत पकड़ बनाए रखी है।
कांग्रेस का मकसद इस रणनीति के जरिए भाजपा के तिलस्म को तोड़ना और चुनावी समीकरणों को अपने पक्ष में मोड़ना है।


🔸 मुख्य बिंदु:

  1. गणेश गोदियाल दोबारा बने प्रदेश अध्यक्ष।
  2. प्रीतम सिंह को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी।
  3. डा. हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन का दायित्व।
  4. हरीश रावत निभाएंगे समन्वयक की भूमिका।
  5. कांग्रेस ने क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधा, भाजपा के लिए नई चुनौती।

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By devbhoomikelog.com

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