रामनगर में लंबे समय से बंद पड़े स्लॉटर हाउस को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने अहम निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने जिलाधिकारी नैनीताल को आदेश दिया है कि वे नगरपालिका रामनगर की रिपोर्ट पर विचार कर इस मामले में निर्णय लें। कोर्ट के आदेश से स्लॉटर हाउस के दोबारा खुलने का रास्ता साफ हो गया है।
सोमवार को न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी और आलोक मेहरा की खंडपीठ ने रामनगर निवासी अनश कुरैशी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि स्लॉटर हाउस को बिना किसी ठोस कारण के जिलाधिकारी के आदेश पर बंद कर दिया गया, जबकि यह सभी मानकों को पूरा करता है और इसकी वैधता मार्च 2026 तक है।
याचिका में कहा गया कि स्लॉटर हाउस बंद होने से स्थानीय स्तर पर ताजा मांस की आपूर्ति बाधित हो गई है और मांस की कीमतें दो से तीन गुना बढ़ गई हैं। इसके चलते स्थानीय मांस कारोबारी और उपभोक्ता दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
नगरपालिका की ओर से अदालत में कहा गया कि स्लॉटर हाउस प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) और अन्य सभी नियामक मानकों का पालन करता है। जुलाई 2025 में इस संबंध में रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई थी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
पालिका ने बताया कि स्लॉटर हाउस बंद होने से बाहरी जिलों के कारोबारियों की अवैध मांस आपूर्ति बढ़ गई है, जिससे क्षेत्र में कई अप्रिय घटनाएं घट चुकी हैं।
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिया कि वे नगरपालिका की रिपोर्ट के आधार पर स्लॉटर हाउस के संचालन पर निर्णय लें और मामले का निस्तारण करें।
कोर्ट ने इस जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि प्रशासन को निष्पक्ष और शीघ्र निर्णय लेना चाहिए, जिससे स्थानीय कारोबारियों और नागरिकों को राहत मिल सके।
