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नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 के लिए महत्वपूर्ण बैठक: ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पंवार जी की अध्यक्षता में समर निवास पर आयोजित

देहरादून, उत्तराखंड – 6 अक्टूबर 2025, नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 की सफल तैयारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समर निवास, देहरादून में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पंवार जी की अध्यक्षता में संपन्न इस बैठक में पुराना तेहरी दरबार ट्रस्ट, कुमाऊं और गढ़वाल राज्य के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें कुमाऊं राजवंश के युवराज नरेंद्र चंद सहित कई विशिष्ट हस्तियां मौजूद रहीं। बैठक में नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 यात्रा की तैयारियों, किसानों को लंबित भुगतान, पर्यावरण संरक्षण, पथों की मरम्मत और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। यह आयोजन एशिया की सबसे लंबी पैदल यात्रा को पर्यावरण-अनुकूल और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

बैठक का शुभारंभ 11.00 बजे ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पंवार जी के स्वागत से हुआ, जो गढ़वाल राजवंश के वंशज हैं। पुराना तेहरी दरबार ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ-साथ कुमाऊं राजवंश के युवराज नरेंद्र चंद और गढ़वाल क्षेत्र से आए अन्य विशिष्ट प्रतिनिधियों ने यात्रा की 280 किलोमीटर लंबी दूरी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। ठाकुर पंवार जी ने कहा, “नंदा देवी राजजात हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। 2026 की यह यात्रा न केवल भक्ति का संगम होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के कल्याण का माध्यम भी बनेगी।”

चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में किसानों को यात्रा मार्ग पर प्रतिनिधियों ने पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए, प्लास्टिक मुक्त यात्रा, वृक्षारोपण अभियान और वन्यजीव सुरक्षा के उपायों पर सहमति बनी। पथों की मरम्मत के लिए पुराना तेहरी दरबार ट्रस्ट ने तकनीकी सहायता का आश्वासन दिया, जबकि अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रतिनिधियों ने बायो-डिग्रेडेबल सामग्री के उपयोग और कचरा संग्रहण की योजना प्रस्तुत की।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यात्रा मार्ग पर स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिसमें गाइड, स्वयंसेवक और हस्तशिल्प विक्रेता शामिल हैं। गढ़वाल प्रतिनिधियों ने पारंपरिक लोक नृत्यों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को शामिल करने पर बल दिया, जो यात्रा की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाएंगे। युवराज नरेंद्र चंद ने कुमाऊं क्षेत्र की सांस्कृतिक भागीदारी पर जोर देते हुए कहा, “यह यात्रा दोनों राज्यों की एकता का प्रतीक है, और हमें इसे हरसंभव समर्थन देना चाहिए।” बैठक का समापन संयुक्त संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी ने 2026 की यात्रा को सफल बनाने का वचन दिया।

मां नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 कीअधिक जानकारी और जुड़ने के लिए पुराना तेहरी दरबार ट्रस्ट और ट्रस्टी ठाकुर भवानी प्रताप सिंह पंवार जी से 9412953297 पर संपर्क कर सकते हैं

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