मानसून के दौरान देहरादून की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढों ने वाहन चालकों और यात्रियों के लिए गंभीर परेशानी खड़ी कर दी है। ये गड्ढे न केवल वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य, खासकर गर्भवती महिलाओं, हृदय रोगियों, और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। चिकित्सकों और ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों ने इन सड़कों पर सुरक्षित ड्राइविंग और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य पर गड्ढों का प्रभाव
दून मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रांत चौहान के अनुसार, गड्ढों वाली सड़कों पर वाहन चलाने से लगने वाले झटके कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी में चोट, और डिस्क से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ये झटके घुटनों, कूल्हों, और टखनों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे आर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से स्कूटी और बाइक सवारों, बुजुर्गों, और बच्चों को ज्यादा जोखिम है। गहरे गड्ढों में वाहन गिरने से होने वाला अचानक झटका विप्लेस इंजरी (रीढ़ की हड्डी में चोट) का कारण बन सकता है, जो हड्डी टूटने तक की स्थिति पैदा कर सकता है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि गड्ढों वाली सड़कों पर ड्राइविंग हृदय रोगियों के लिए तनावपूर्ण हो सकती है, जिससे हृदय गति और रक्तचाप बढ़ने का खतरा रहता है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय ने गर्भवती महिलाओं के लिए चेतावनी जारी की है। उनके अनुसार, डिलीवरी डेट के नजदीक वाली गर्भवती महिलाओं के लिए गड्ढों वाली सड़कों पर यात्रा करना बेहद जोखिमपूर्ण है। अचानक झटकों से प्रीमेच्योर ब्लीडिंग, गर्भपात, या समय से पहले प्रसव की संभावना बढ़ सकती है। इससे नवजात शिशुओं में सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है, जिसके परिणामस्वरूप आजीवन शारीरिक और मानसिक विकलांगता हो सकती है।
वाहनों को होने वाला नुकसान
ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ विकास आनंद के अनुसार, गड्ढों के कारण वाहनों के टायर फटने, पंचर होने, और स्टीयरिंग असेंबली को नुकसान पहुंचने की घटनाएं बढ़ गई हैं। गहरे गड्ढों में वाहन गिरने से एग्जॉस्ट सिस्टम खराब हो सकता है, जिससे इंजन को नुकसान और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस रिसाव का खतरा रहता है। सेडान कारों के बंपर, साइलेंसर, और बॉडी को भी गंभीर क्षति हो रही है। शहर में रोजाना 70-80 वाहन गड्ढों के कारण क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
दुपहिया वाहन कार्यशाला संचालक आफताब खान ने बताया कि गड्ढों के कारण दुपहिया वाहनों के शॉक एब्जॉर्बर टूटने के 80-100 मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, टायर फटने और कटने की शिकायतें भी बढ़ गई हैं।
सावधानियां और सुझाव
चिकित्सा और ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
- सुरक्षित ड्राइविंग: वाहनों को धीमी गति से चलाएं और गड्ढों से बचें। बारिश में पानी भरे गड्ढों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि ये छिपे हो सकते हैं।
- बाइक और स्कूटी सवारों के लिए: गड्ढों से गुजरते समय सीट से थोड़ा उठें ताकि झटका कम लगे। यात्रा के बाद हल्का व्यायाम करें और झुकने वाले काम से बचें।
- स्वास्थ्य सावधानी: गर्भवती महिलाएं और हृदय रोगी गड्ढों वाली सड़कों पर यात्रा से बचें। रीढ़ की हड्डी या कमर दर्द से पीड़ित लोग सावधानी बरतें।
- वाहन रखरखाव: नियमित रूप से टायर, स्टीयरिंग, और शॉक एब्जॉर्बर की जांच कराएं।
प्रशासन से अपील
नागरिकों और विशेषज्ञों ने प्रशासन से मांग की है कि मानसून के बाद सड़कों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए। गड्ढों को भरने और सड़कों को समतल करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है ताकि वाहनों और लोगों के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।
मुख्य जानकारी:
विवरण | जानकारी |
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मुख्य समस्या | मानसून में देहरादून की गड्ढों वाली सड़कें |
स्वास्थ्य जोखिम | गर्भवती महिलाओं में गर्भपात, सेरेब्रल पाल्सी; हृदय रोगियों में तनाव; कमर और रीढ़ की हड्डी में दर्द |
वाहन नुकसान | टायर, स्टीयरिंग, शॉक एब्जॉर्बर, एग्जॉस्ट सिस्टम, और सेडान कारों की बॉडी को क्षति |
दैनिक मामले | 70-80 कारें, 80-100 दुपहिया शॉक एब्जॉर्बर क्षतिग्रस्त |
सुझाव | धीमी और सावधानीपूर्वक ड्राइविंग, नियमित वाहन जांच, और स्वास्थ्य सावधानियां |