नशे के खिलाफ चलाए जा रहे सघन अभियान में पिथौरागढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। नानकमत्ता (उधम सिंह नगर) निवासी मंजीत सिंह पुत्र संतोख सिंह को उसके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया गया। मंजीत पर पहाड़ी क्षेत्रों में हेरोइन (स्मैक) की आपूर्ति कर युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेलने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अभियान का पृष्ठभूमि
पिथौरागढ़ पुलिस ने नशा मुक्ति के लिए विशेष अभियान तेज कर दिया है। इसी कड़ी में 28 मई 2025 को दो व्यक्तियों को 8.48 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच सीओ जीबी जोशी के पर्यवेक्षण में एसआई जितेंद्र सौराड़ी कर रहे थे। विवेचना के दौरान मंजीत सिंह का नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया, जो नेटवर्क का कथित सरगना था।
गिरफ्तारी की कार्रवाई
पुलिस लगातार मंजीत की लोकेशन पर नजर रख रही थी। बुधवार को घाट चौकी प्रभारी जितेंद्र सौराड़ी और कांस्टेबल देवेंद्र सिंह की टीम ने नानकमत्ता के टुकड़ा क्षेत्र में उसके घर पर छापा मारा। मंजीत को बिना किसी विरोध के हिरासत में लिया गया। मामले में एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 को बढ़ोतरी की गई है, जो साजिश रचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान करती है।
नेटवर्क का खुलासा
पूछताछ में पता चला कि मंजीत सिंह पहाड़ी जिलों जैसे पिथौरागढ़ में हेरोइन की खेप भेजता था, जिससे स्थानीय युवा नशे के चपेट में आ रहे थे। यह गिरफ्तारी नशा तस्करी के बड़े नेटवर्क पर करारा प्रहार मानी जा रही है। पुलिस अब उसके सहयोगियों और सप्लाई चेन की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
पुलिस का बयान
एसपी पिथौरागढ़ ने बताया कि नशे के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। “मंजीत जैसे तस्करों को बख्शा नहीं जाएगा। युवाओं को नशे से बचाना हमारी प्राथमिकता है।” ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान भी तेज किए जाएंगे।
यह कार्रवाई उत्तराखंड में बढ़ते नशे के सौदागरी पर लगाम कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आगे की जांच जारी है।