उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई। जिले में 11 नदियों के उफान पर आने से 13 छोटे-बड़े पुल क्षतिग्रस्त हो गए, और 62 सड़कें बंद हो गईं। प्रशासन ने 17 लोगों की मौत, तीन लोगों के घायल होने और 13 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। मौठ नदी में दो पुराने शव भी बरामद हुए हैं।
सड़कें और संपर्क टूटा
मुख्यमंत्री आवास से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर बीजापुर पंप हाउस को जोड़ने वाली 200 मीटर सड़क टौंस नदी में बह गई। इससे तीन गांवों का शहर से सीधा संपर्क कट गया। स्थानीय लोग अब वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने को मजबूर हैं और जल्द से जल्द सड़क बहाली की मांग कर रहे हैं। प्रेमनगर में नंदा की चौकी के पास एक पुल के टूटने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
सहस्रधारा और गुच्चूपानी में भारी नुकसान
सहस्रधारा में बादल फटने से कई संपत्तियां नष्ट हो गईं। लोकप्रिय पर्यटन स्थल गुच्चूपानी में भी भारी क्षति हुई, जहां कई इमारतें और ढांचे बह गए। मालदेवता क्षेत्र में फुलेट गांव में एक मकान ढह गया, जिसमें आठ लोग मलबे में दब गए। डालनवाला में रिस्पना नदी के किनारे बसे इलाकों में भी व्यापक नुकसान की खबरें हैं।
प्रशासन का राहत कार्य
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है, और प्रभावित इलाकों में आवश्यक सहायता पहुंचाई जा रही है। क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए टीमें तैनात की गई हैं। स्थानीय लोग प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और बुनियादी ढांचे की बहाली की मांग कर रहे हैं।