पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के दूरस्थ ननकुड़ी गांव में एक चौंकाने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को सदमे में डाल दिया है। बुधवार रात को गांव के प्राथमिक स्कूल के निकट एक पुराने बांज के पेड़ से लटका मिला एक शव ग्रामीणों के बीच सनसनी फैला गया। मृतक की पहचान 40 वर्षीय संजय कुमार के रूप में हुई, जो हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपने गांव से निर्विरोध ग्राम प्रधान चुने गए थे। पुलिस ने मामले को आत्महत्या का रूप देकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिजनों के बयानों से अवसादग्रस्त जीवन की कहानी उजागर हो रही है।
घटना की पूरी कथा
बुधवार की काली रात में, जब गांव की सड़कें शांत थीं, अस्कोट पुलिस को एक फोन कॉल ने हिला दिया। सूचना मिली कि ननकुड़ी प्राथमिक स्कूल के पास एक बांज के पेड़ से कोई व्यक्ति फंदे पर लटका हुआ है। तुरंत एसआई बसंत पंत के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अंधेरे में टॉर्च की रोशनी से शव को उतारने का दर्दनाक दृश्य सामने आया। शव पर एक साधारण रस्सी का फंदा था, और पहचान ग्राम प्रधान संजय कुमार, पुत्र स्वर्गीय फकीर राम के रूप में हुई।
पुलिस ने तुरंत पंचनामा कार्रवाई शुरू की, जिसमें परिजनों को मौके पर बुलाया गया। संजय के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक छोटा बेटा शामिल है। पूछताछ के दौरान परिजनों ने बताया कि संजय पिछले कई महीनों से गहरे अवसाद का शिकार थे। गांव की जिम्मेदारियां, पारिवारिक दबाव और शायद कुछ अनकही परेशानियां उन्हें अंदर ही अंदर खोखला कर रही थीं। “वह हमेशा चुपचाप बैठे रहते थे, रातें जागकर बिताते थे। हमने डॉक्टर को दिखाने की कोशिश की, लेकिन वह मानते ही नहीं थे,” एक करीबी रिश्तेदार ने आंसुओं के बीच कहा।
निर्विरोध जीत के बाद का दर्द
संजय की मौत और भी रहस्यमयी लग रही है क्योंकि वह अभी-अभी अपनी राजनीतिक जिंदगी का नया अध्याय शुरू करने वाले थे। पंचायत चुनाव में कोई विरोध न होने से वे निर्विरोध प्रधान बने थे, और ग्रामीणों में उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। “वह गांव के विकास के सपने देखते थे – स्कूल की मरम्मत से लेकर सड़क निर्माण तक। लेकिन अचानक यह कदम… कोई समझ नहीं पा रहा,” एक ग्रामीण ने बताया। कुछ लोगों का मानना है कि निर्विरोध जीत के बाद आने वाली जिम्मेदारियों का बोझ उन्हें तोड़ गया हो सकता है।
पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ के सदर अस्पताल भेज दिया, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हो रही है, लेकिन पुलिस किसी भी संभावित कोने को छोड़ना नहीं चाहती। एसपी पिथौरागढ़ ने बताया, “हम परिजनों के बयान दर्ज कर रहे हैं और यदि कोई बाहरी दबाव या साजिश की आशंका हो, तो फोरेंसिक टीम जांच करेगी। फिलहाल, यह आत्महत्या ही लग रही है।”
इस घटना ने न केवल ननकुड़ी बल्कि पूरे डीडीहाट क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बहस छेड़ दी है। ग्रामीणों का कहना है कि दूरस्थ इलाकों में अवसाद जैसी बीमारियों का इलाज पहुंच से बाहर है। संजय की मौत एक सबक है – सफलता के पीछे छिपे दर्द को नजरअंदाज न करें। परिवार शोक में डूबा है, और गांव में प्रार्थना सभाओं का आयोजन हो रहा है।
(यह समाचार एआई द्वारा मूल घटना के आधार पर संशोधित और विस्तारित रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें अतिरिक्त संदर्भ और भावनात्मक गहराई जोड़ी गई है। मूल तथ्य अपरिवर्तित रखे गए हैं।)