राष्ट्रीय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के ताजा नतीजों में पिछले साल की तुलना में दून की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। इस साल दून को 171.7 अंक प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष के 126.5 अंक से काफी बेहतर है। मंगलवार को घोषित परिणामों के अनुसार, दून ने 19वां रैंक हासिल कर टॉप-20 शहरों में अपनी जगह बनाई, जबकि पिछले साल यह 37वें स्थान पर था। इस उपलब्धि पर दूनवासियों को बधाई दी जा रही है।
नगर निगम के प्रयासों से मिली सफलता
मेयर सौरभ थपलियाल ने इस उपलब्धि का श्रेय नगर आयुक्त नमामी बंसल और उनकी टीम को देते हुए शुभकामनाएं दीं। स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा जून में आयोजित इस सर्वेक्षण में नगर निगम ने पिछले आठ महीनों में कई ठोस कदम उठाए। इनमें पार्कों का विकास, व्यापक पौधरोपण, साइकिल ट्रैक का निर्माण, सड़कों पर धूल नियंत्रण के लिए पटरियों और फुटपाथ का निर्माण, 15 ई-ऑटो ट्रिपर वाहनों के जरिए सूक्ष्म गलियों से कूड़ा संग्रह, और गीले कचरे से खाद बनाने के लिए 10 कंपोस्ट मशीनों की स्थापना शामिल है।
भविष्य के लिए नई पहल
नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि दून को धूल-मुक्त शहर बनाने की दिशा में और तेजी लाई जा रही है। इसके लिए हरित नीति को मजबूत करने, शहर में हरियाली बढ़ाने, और प्रदूषण नियंत्रण के लिए नवीन तकनीकों जैसे स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और हवा शुद्ध करने वाले प्लांट्स की स्थापना पर काम शुरू हो गया है। इन प्रयासों का लक्ष्य अगले सर्वेक्षण में दून को टॉप-5 शहरों में लाना है।
मेयर का आह्वान और जन भागीदारी
मेयर सौरभ थपलियाल ने कहा, “दूनवासियों के सहयोग से यह उपलब्धि संभव हुई है। यह यात्रा यहीं रुकने वाली नहीं है। अगली बार हमें टॉप-5 में स्थान बनाना है। इसके लिए सभी को वायु प्रदूषण के स्रोतों, जैसे वाहन उत्सर्जन और कचरा जलाने, पर ध्यान देना होगा और स्वच्छ वायु के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।” उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में पर्यावरण जागरूकता अभियान शुरू करने की भी घोषणा की, जिसमें बच्चों को पौधे लगाने और प्रदूषण कम करने के तरीके सिखाए जाएंगे।
पर्यावरण विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस सुधार को सकारात्मक संकेत माना है, लेकिन चेतावनी दी कि सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ने की संभावना को देखते हुए निरंतर प्रयास जरूरी हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण इकाइयों को मजबूत करना और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना दून की हवा को और शुद्ध कर सकता है।
इस उपलब्धि से प्रेरित होकर नगर निगम ने एक विशेष ‘हरित दून अभियान’ की शुरुआत करने की योजना बनाई है, जिसमें स्थानीय समुदायों को शामिल कर वृक्षारोपण और कचरा प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।